तुर्की ने अपना नाम बदल दिया है। अब दुनिया जहान में तुर्की को तुर्किये (Turkiye) के नाम से जाना जाएगा। नाम बदलने के अनुरोध को वैश्विक संस्था ने मंजूरी दे दी है। दरअसल, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन (Recep Tayyip Erdogan) वैश्विक मंच पर तुर्की को नई पहचान दिलाना चाहते हैं।
बता दें कि रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने देश का नाम बदलने के लिए एक कैंपेन चलाया था। इस पर रेचेप तैय्यप अर्दोआन का मानना है कि तुर्किये शब्द उनके देश की सभ्यता और संस्कृति के लिए सबसे उत्तम शब्द है।
संयुक्त राष्ट्र ने लगाई नए नाम पर मुहर
जैसे ही तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू (Mevlut Kavusoglu) ने संयुक्त राष्ट्र (United Nations) को एक पत्र भेजकर औपचारिक रूप से अनुरोध किया था कि उनके देश का नाम बदल दिया जाए, इस पत्र के जवाब में संयुक्त राष्ट्र ने नाम बदलने की मंजूरी दे दी।
तुर्की ने क्यों बदला देश का नाम?
गौरतलब है कि तुर्की के ज्यादातर लोग अपने देश को तुर्किये कहकर बुलाते हैं। तुर्की को अंग्रेजी में टर्की (Turkey) भी कहा जाता है। बीते साल ही तुर्की ने नाम में बदलाव कर दिया था। कैब्रिज की अंग्रेजी डिक्शनरी के अनुसार टर्की का मतलब बेवकूफ या हारा हुआ होता है।
1923 से हो रही थी बदलाव की मांग
साल 1923 में स्वतंत्रता की घोषणा के बाद से देश ने खुद को 'तुर्किये' कहा था। दिसंबर में एर्दोआन ने तुर्की संस्कृति और मूल्यों का बेहतर प्रतिनिधित्व करने के लिए 'तुर्किये' के उपयोग का आदेश दिया, जिसमें निर्यात उत्पादों पर 'मेड इन तुर्की' के बजाय 'मेड इन तुर्किये' (Made in Turkey) का इस्तेमाल करने की मांग शामिल थी।
आधिकारिक तौर पर शुरू हुआ तुर्किये शब्द का इस्तेमाल
तुर्की के मंत्रालयों ने आधिकारिक दस्तावेजों में अब 'तुर्किये' शब्द का इस्तेमाल होना शुरू हो गया है। इस साल की शुरुआत में ही, सरकार ने नाम अंग्रेजी में बदलने की अपनी कोशिशों के तहत एक प्रचार वीडियो भी जारी किया था। इस वीडियो में दुनिया भर के पर्यटकों को प्रसिद्ध स्थलों पर 'हैलो तुर्किये' (Hello Turkey) कहते हुए दिखाया गया है।