Diwali: भारत का सबसे बड़ा सांस्कृतिक त्योहार, दिवाली, अब UNESCO की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिष्ठित लिस्ट में आधिकारिक तौर पर शामिल हो गया है। यह घोषणा आज दिल्ली के लाल किले से की गई, जहाँ UNESCO की इंटरगवर्नमेंटल कमेटी का 20वाँ सेशन हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घोषणा पर खुशी जताई।
UNESCO ने यह जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर की और भारत को बधाई दी। भारत के अलावा, कई दूसरे देशों के सांस्कृतिक प्रतीकों को भी इस लिस्ट में शामिल किया गया है। दिवाली से पहले, भारत की 15 विरासत परंपराएँ पहले ही अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की लिस्ट में शामिल हो चुकी थीं।
PM मोदी ने खुशी जताई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने UNESCO के इस फैसले पर खुशी जताई। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि भारत और दुनिया भर के लोग इस खबर से उत्साहित और गर्व महसूस कर रहे हैं। हमारे लिए, दिवाली सिर्फ़ एक त्योहार नहीं है, बल्कि हमारी संस्कृति और हमारे मूल्यों से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह हमारी सभ्यता की आत्मा है। यह रोशनी और सच्चाई का प्रतीक है।
उन्होंने आगे लिखा कि दिवाली को UNESCO की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की लिस्ट में शामिल करने से यह त्योहार विश्व स्तर पर और भी लोकप्रिय होगा। भगवान राम के आदर्श हमें हमेशा रास्ता दिखाते रहें।
अब UNESCO की लिस्ट में 16 भारतीय परंपराएँ
UNESCO ने 10 दिसंबर को दिवाली को शामिल करने का फैसला किया। इससे पहले 15 अन्य परंपराएँ पहले ही शामिल थीं। अब, इस लिस्ट में कुल 16 परंपराएँ शामिल हो गई हैं। इनमें कुंभ मेला, योग, वैदिक मंत्रोच्चार, रामलीला, कोलकाता की दुर्गा पूजा, गरबा, केरल का मुडियेट्टू, छऊ नृत्य, हिमालयी बौद्ध मंत्रोच्चार की परंपरा, नवरोज, और संक्रांति-पोंगल-बैसाखी जैसे त्योहार शामिल हैं।