How To Check PF Balance: भारत में, प्रोविडेंट फंड (PF) नौकरीपेशा लोगों के लिए एक भरोसेमंद बचत का ऑप्शन है। हर महीने थोड़ी रकम जमा होती है, और समय के साथ यह एक बड़ा फंड बन जाता है। हालांकि, बहुत से लोगों को पता नहीं होता कि उनके PF अकाउंट में हर साल कितना ब्याज जुड़ रहा है और वे घर बैठे इसे कैसे चेक कर सकते हैं। सरकार नए फाइनेंशियल ईयर (2025-26) के लिए ब्याज दर बढ़ाने पर भी विचार कर रही है, जो लाखों कर्मचारियों के लिए बहुत अच्छी खबर हो सकती है।
2024-25 के लिए ब्याज दर: 8.25%
फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए EPF पर ब्याज दर 8.25% है। यह वही दर है जो पिछले साल लागू थी। ब्याज की गणना 1 अप्रैल, 2024 और 31 मार्च, 2025 के बीच जमा की गई रकम पर की जाती है। EPFO फरवरी 2026 के आसपास 2025-26 के लिए ब्याज दर पर फैसला ले सकता है।
घर बैठे अपना PF बैलेंस कैसे चेक करें
अपना PF अकाउंट बैलेंस चेक करना अब बहुत आसान है। इसके लिए आप कई तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
मिस्ड कॉल सर्विस
अपने UAN रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से ‘011-22901406’ पर मिस्ड कॉल दें। आपको कुछ ही सेकंड में SMS के ज़रिए अपना बैलेंस और दूसरी डिटेल्स मिल जाएंगी।
SMS के ज़रिए बैलेंस चेक करना
अपने मैसेज बॉक्स में EPFOHO UAN ENG टाइप करें और इसे 7738299899 पर भेज दें। आप अपनी पसंदीदा भाषा में भी बैलेंस की जानकारी पा सकते हैं।
उमंग ऐप
उमंग ऐप खोलें – EPFO सेक्शन चुनें – ‘पासबुक देखें’ पर क्लिक करें। अपना UAN और OTP डालकर आप अपनी पूरी पासबुक देख सकते हैं।
EPFO मेंबरशिप की शर्तें
अभी, EPFO स्कीम में शामिल होने के लिए सैलरी की ऊपरी लिमिट ₹15,000 है। इसका मतलब है कि जिन कर्मचारियों की बेसिक सैलरी + महंगाई भत्ता (DA) ₹15,000 तक है, उन्हें PF स्कीम में शामिल होना ज़रूरी है। ज़्यादा लोगों को पेंशन सुविधा का फ़ायदा मिल सके, इसके लिए इस लिमिट में बदलाव पर विचार किया जा रहा है। अगर नियम बदले जाते हैं, तो कई प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की भविष्य की पेंशन मज़बूत हो सकती है।
PF कैसे कटता है और पैसा कहाँ जाता है?
आपकी सैलरी से PF कटौती आपकी कुल बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12% होती है। यह रकम सीधे आपके PF अकाउंट में जाती है। एम्प्लॉयर भी 12% योगदान देता है, लेकिन उनका पूरा योगदान PF फंड में नहीं जाता है। इसमें से 8.33% EPS (पेंशन फंड) में और 3.67% EPF (प्रोविडेंट फंड) में जमा होता है। फंड की लंबे समय तक चलने की गारंटी के लिए पेंशन फंड में जमा होने वाली रकम पर एक तय लिमिट होती है।