अमेरिका (America) के न्यूयॉर्क (Newyork) में अंग्रेजी के प्रख्यात लेखक सलमान रुश्दी (Salman Rushdie) पर जानलेवा हमला हुआ है। यह हमला उस वक्त हुआ, जब वह पश्चिमी न्यूयॉर्क (New York) में अपना व्याख्यान देने वाले थे। इस हमले के बाद उन्हें एयरलिफ्ट कर तुरंत अस्पताल ले जाया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। हालांकि 75 साल के रुश्दी की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है।
रूश्दी के ऊपर हुए जानलेवा हमला के पीछे क्या कारण है, पांच पॉइंट्स में में जानें इस सवाल का जवाब
1. इस्लामी आतंक के निशाने पर सलमान रुश्दी
1988 में सलमान रुश्दी ने एक नॉवेल 'द सेटेनिक वर्सेज लिखा था, जो कि इस्लाम पर आधारित है। इसे अब तक की सबसे विवादित किताबों में से एक कहा जाता है। इतना ही नहीं दुनिया के अधिकतर देशों में इस पर प्रतिबंध भी लग चुका है। इस नॉवेल के कारण वे लगातार इस्लामी आतंकवाद के निशाने पर रहे हैं।
2. ईरान के दिवंगत सर्वोच्च नेता फतवा किया जारी
बता दें कि 1989 में ईरान के दिवंगत सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह रुहोल्लाह खोमैनी ने द सेटेनिक वर्सेज़ नोबेल के लिए सलमान को मारने के लिए एक फतवा जारी किया था। इस फतवे में रुश्दी को मारने वाले व्यक्ति के लिए 30 लाख डॉलर का इनाम भी रखा गया था, जो अब तक चल रहा है।
3. 33 लाख डॉलर की गई इनाम की रकम
गौरतलब है कि ईरान की सरकार ने खोमैनी के फतवे से काफी लंबे समय तक दूरी बनाई रखी, लेकिन रुश्दी के खिलाफ वह अंदर-अंदर लोगों की भावनाएं भड़कती रही। नतीजा यह रहा कि 2012 में एक अर्द्धसरकारी ईरानी धार्मिक संगठन (semi-official Iranian religious organization) ने रुश्दी के इनाम की रकम को 28 लाख से बढ़ाकर 33 लाख डॉलर तक कर दिया।
4. 10 साल तक छिपे रहे रुश्दी
फतवे की वजह से रुश्दी को करीब 10 साल तक दुनिया की नजरों से छिपकर रहना पड़ा, इस दौरान कई घटनाएं हुईं। जैसे रुश्दी की किताब के ट्रांसलेटर्स पर जमकर हमला बोला, किताब बेचने वाले बुकस्टोर्स पर बम गिराए गए। हालांकि रुश्दी खुद के खिलाफ जारी फतवे का मजाक उड़ाते रहे हैं, उनका कहना था कि इस बात का कोई भी सबूत नहीं है कि लोगों की इस इनाम में थोड़ी सी भी दिलचस्पी है। ऐसे में शुक्रवार को अमेरिका के न्यूयार्क में हुए इस हमले को सभी इन धमकियों से जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि, अमेरिकी पुलिस ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।
5. हमलावर गिरफ्तार
पुलिस ने हमलावर को मौके से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक, हमलावर 24 साल का है। उसका नाम हादी मतार है। हमलावर न्यूजर्सी के फेयर व्यू का निवासी है। पुलिस का इस पर कहना है कि हमलावर से पूछताछ जारी है। हमले के कारण को जानने के लिए FBI से भी मदद ली जा रही है। जानकारी के मुताबिक, बुकर पुरस्कार विजेता को 1980 के दशक से ही इस्लामी आतंकियों की ओर से जान से मारने की धमकी मिलती आ रही है।