Pakistan: इमरान खान सरकार को लगातार को दुख दे रहे बलूच विद्रोहियों ने रविवार को पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की मूर्ति को बम से उड़ा दिया है। बताया जा रहा है कि यह हमला पाकिस्तान के ग्वादर शहर में हुआ है जहां चीन चाइना-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर के तहत अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है। प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन फ्रंट ने इस बम हमले की जिम्मेदारी ली है।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक जिन्ना की इस मूर्ति को इस साल के शुरू में मरीन ड्राइव इलाके में लगाया गया था जिसे सुरक्षित इलाका माना जाता है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कुछ विद्रोहियों ने मूर्ति के नीचे बम लगा दिया था और बाद में उसे उड़ा दिया। बम इतना शक्तिशाली था कि जिन्ना की मूर्ति पूरी तरह से नष्ट हो गई। बम किस तरह का था, अभी इसका पता नहीं चल सका है।
पाकिस्तानी सुरक्षा बल जिन्ना की मूर्ति को नष्ट करने वालों की तलाश कर रहे हैं। इससे पहले बलूच विद्रोहियों ने एक बम हमला करके पाकिस्तानी सेना के फ्रंटियर कोर के एक वाहन को उड़ा दिया। इसमें चार सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं और दो अन्य घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि यह हमला शनिवार को हारनाई जिले के खोस्त इलाके में हुआ। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान में प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ली है।
बलूच विद्रोही बलूचिस्तान में चीनी परियोजनाओं का कड़ा विरोध कर रहे हैं और इसी वजह से वे पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और चीन के नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। एशिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक कुल जमीन के आधार देखें तो बलूचिस्तान प्रांत सबसे बड़ा है और जातीय बलूच लोग पाकिस्तान की कुल जनसंख्या का 9 फीसदी हैं। पिछले कई दशक से बलूचिस्तान में बलूच विद्रोही सक्रिय रहे हैं। उनका आपस में विभाजन रहा है और पश्तूनों के साथ उनकी प्रतिस्पर्द्धा रही है। यही नहीं पाकिस्तान की सियासत और सत्ता कब्जा करने वाले पंजाबियों से भी बलूचों का संघर्ष होता रहा है।