Kerala Nipah Virus: केरल के दो जिलों में निपाह वायरस के मामले सामने आए हैं। इसके बाद से ही केरल स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है और इस जानलेवा बीमारी की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।आपको बता दें कि निपाह वायरस इंसानों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए इससे बचाव करना और इसके लक्षण नजर आते ही इलाज शुरू करवाना बेहद जरूरी है। आइए जानें निपाह वायरस के लक्षण कैसे होते हैं और इससे बचाव के लिए क्या करना चाहिए।
निपाह वायरस मुख्य रूप से चमगादड़ (फ्रूट बैट) के जरिए फैलता है
निपाह वायरस मुख्य रूप से चमगादड़ (फ्रूट बैट) के जरिए फैलता है। ये चमगादड़ फलों को खाते हैं और उनकी लार या यूकिन के कॉन्टेक्ट में आने से यह वायरस इंसानों के शरीर में प्रवेश कर जाता है। इसके अलावा, यह सूअर के जरिए भी फैल सकता है। इंसानों में यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है, खासकर इन्फेक्टेड व्यक्ति के बॉडी फ्लूड, जैसे- लार, खांसी, पसीना, यूरिन के कॉन्टेक्ट में आने से। इसलिए, निपाह वायरस से इन्फेक्टेड मरीजों को आइसोलेट करना जरूरी होता है।
अभी तक निपाह वायरस की कोई दवा या वैक्सीन नहीं बनी है, इसलिए सावधानी और बचाव ही इसका सबसे अच्छा इलाज है। इससे बचने के लिए-
चमगादड़ों के कॉन्टेक्ट से बचें- खासकर उन इलाकों में जहां निपाह वायरस के मामले सामने आए हों।
फलों को अच्छी तरह धोकर खाएं- खुले फलों को साफ पानी से धोएं और कटे हुए फल न खाएं।
संक्रमित व्यक्तियों से दूर रहें- यदि किसी को निपाह वायरस के लक्षण हों, तो उससे दूरी बनाकर रहें।
सूअर और अन्य जानवरों से सावधानी- जिन क्षेत्रों में निपाह वायरस फैला हो, वहां जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
स्वच्छता का ध्यान रखें- हाथों को साबुन से धोएं और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
डॉक्टर से संपर्क करें- अगर निपाह वायरस जैसे लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
नोट - ये आलेख सामान्य जानकारी के लिए है। जनता टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता।