चीन के खिलाफ अमेरिका लगातार कार्रवाई कर रहा है। अमेरिका ने चीन की कई बड़ी कंपनियों को ब्लैक करने के बाद अब चीन के अधिकारियों के खिलाफ भी बड़ी कार्रवाई की है। अमेरिका ने हांगकांग की स्वायत्तता कमजोर करने से संबंधित मामले में चीन के 14 वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया है। इन अधिकारियों की लिस्ट में एक तिब्बती भी शामिल है।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने प्रतिबंधो की घोषणा करते हुए कहा कि चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति (एनपीसीएससी) द्वारा हांगकांग के लोगों की अपने प्रतिनिधि का चुनाव करने की क्षमता को प्रभावित किया गया। प्रतिबंधों में वीजा पर रोक भी शामिल है। उन्होंने कहा कि एनपीसीएससी के 14 उपाध्यक्षों को प्रतिबंधित सूची में शामिल किया गया है।
इसके अलावा अमेरिका ने सुरक्षा का हवाला देते हुए चीन की सबसे बड़ी प्रोसेसर चिप बनाने वाली कंपनी एसएमआईसी और तेल की दिग्गज कंपनी सीएनओओसी समेत 4 चाइनीज कंपनियों को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया। अमेरिकी प्रशासन का कहना है कि अमेरिका में चल रहीं ये वे चीनी कंपनियां हैं, जिनका संचालन चीनी सेना प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कर रही है या फिर ये उनके नियंत्रण में हैं।
अमेरिका ने अब तक चीन की कुल 25 कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया है। इन कंपनियों में, चाइना कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी कंपनी (CCTC), चाइना इंटरनेशनल इंजीनियरिंग कंसल्टिंग कॉर्प (CIECC), चाइना नेशनल ऑफशोर ऑयल कॉर्पोरेशन (CNOOC) और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इंटरनेशनल कॉर्पोरेशन (SMIC) सहित कई कंपनियों शामिल हैं।
बता दें कि इससे पहले अमेरिका ने चीन के मुस्लिम बहुल शिनजियांग में उइगुर मुसलमानों के मानवाधिकार हनन के मामले में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया था। इससे पहने भी चीन पर उइगुर मुसलमानों के उत्पीड़न को लेकर गंभीर आरोप लगते रहे हैं।