Namibia Food Insecurity: नामीबिया में अकाल के कारण हालात बद से बदतर हो चुके हैं। इस अफ्रीकी देश में पिछले सौ सालों का सबसे बड़ा सूखा पड़ा है। स्थिति देखते हुए मई में ही देश में इमरजेंसी का ऐलान कर दिया गया था। नामीबिया की लगभग आधी आबादी यानी 14 लाख लोगों को खाने-पीने की भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोग भूख-प्यास से तड़प रहे हैं। अनाज के गोदाम खाली हो चुके हैं। कोई उम्मीद नहीं बची है। बेबस सरकार ने लोगों को भोजन उपलब्ध कराने की योजना के तहत हाथियों सहित सैकड़ों जानवरों को मारने की मंजूरी दी है।
नामीबिया में भीषण सूखा पड़ गया है जिसकी वजह अल नीनो है। यह एक प्राकृतिक जलवायु घटना है, जो तब घटित होती है जब प्रशांत महासागर की सतह का तापमान औसत से अधिक गर्म हो जाता है। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, जलवायु परिवर्तन अल नीनो को बढ़ा सकता है, जिससे तापमान बढ़ने के नए रिकॉर्ड बन सकते हैं।
723 जानवरों को मारा जाएगा
देश के पर्यावरण, वानिकी और पर्यटन मंत्रालय ने गुजरे सोमवार को घोषणा की कि मारे गए 723 जानवरों का मांस सूखा राहत कार्यक्रम के हिस्से के रूप में वितरित किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा, “यह अभ्यास आवश्यक है और हमारे संवैधानिक आदेश के अनुरूप है जहां हमारे प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग नामीबियाई नागरिकों के लाभ के लिए किया जाता है।” योजना 30 हिप्पो, 60 भैंसों, 50 इम्पाला, 100 ब्लू वाइल्डबीस्ट, 300 जेब्रा, 83 हाथी और 100 एलैंड्स को मारने की है।
मानव-वन्यजीव संघर्ष का खतरा
बढ़ता तापमान और बारिश का कभी होना, कभी न होना नामीबिया में प्राकृतिक संसाधनों के लिए दो सबसे बड़े खतरे हैं. अगर जंगली जानवरों को संसाधन कम मिले तो वे मानव बस्तियों में प्रवेश कर सकते हैं। नामीबिया ने जानवरों को मारने की योजना के बारे में कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के तरीके के रूप में हाथियों की संख्या कम करने की जरूरत है। अधिकारियों ने कहा, “देश में सूखे की गंभीर स्थिति को देखते हुए अगर कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया तो संघर्ष बढ़ने की आशंका है।” ऑस्ट्रेलिया जैसे अन्य देशों ने पहले ही जानवरों को मारने की अनुमति दे रखी है। ऑस्ट्रेलिया ने पिछले कुछ सालों में हजारों कंगारुओं को मारने को मंजूरी दी थी। क्योंकि वन्य अधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि कंगारुओं की बड़ी आबादी को खिलाने के लिए देश में पर्याप्त भोजन उपलब्ध नहीं है।
आखिर क्या होती है कलिंग?
जानवरों को इस तरह मारने को कलिंंग कहा जाता है। नामीबिया के पर्यावरण और वानिकी मंत्रालय के मुताबिक, जो जानवर कमजोर हैं, उन्हें मारने के लिए चुना जाएगा। इसके लिए पेशेवर शिकारी लगाए गए हैं। कुछ कंपनियों को ठेका दिया गया है। अब तक 157 जानवरों का शिकार किया जा चुका है। इनसे 56,800 किलो से अधिक मांस सरकार को मिला है। जिसे लोगों में बांटा जा रहा है। बता दें कि पांच अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे, जाम्बिया, बोत्सवाना, अंगोला और नामीबिया में दो लाख से ज्यादा हाथी रहते हैं। यहां हाथियों की सबसे घनी आबादी है। इस वजह से इनमें संघर्ष भी होता है। सूखे की वजह से पिछले साल 300 से ज्यादा हाथी मर गए थे।