Snake Farming: भारत एक ऐसा इकलौता देश है। जहां सांपों की पूजा की जाती है। भारत में जिस दिन सांपों की पूजा होती है, उस दिन को नाग पंचमी कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं दुनिया की ऐसी जगह भी है, जहां सांपों की खेती की जाती है। यहां पर वाइपर, रैटल स्नेक और किंग कोबरा जैसे जहरीले सांपों की पैदावार होती है। यहां हर साल लाखो नाग-नागीन पैदा होते है। आपको बता दें कि ये खेती और कहीं नहीं रहस्यों से भरे चाइना में की जाती है। चीन में इन सांपों को शीशे और लकड़ी के छोटे-छोटे डिब्बों में पाला जाता है। सांपों के जहर का इस्तेमाल कई बीमारियों का इलाज करने में भी किया जाता है।
सांप की केंचुली को देखना?
कुछ सांपो को छोड कर यह एक बेहद जहरीला जीव होता है। लेकिन सांप बहुत गुणकारी भी माना जाता है। सांप अपने जीवित रहते हुए अपनी केंचुली छोड़ता है। यह एक प्रकार की खाल ही होती है। इसे घर में रखने से धन लाभ होता है। इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में भी किया जाता है। पौराणिक समय से सांप की स्किन का उपयोग कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता आ रहा है। इसे स्किन पर लगाने से लेकर दवा के रूप में खाया भी जाता है।
किस देश में सांप का खून पिया जाता है?
दुनिया के कई देशों में लोग सांप का खून पीते हैं। चीन, वियतनाम, हॉन्गकॉन्ग और इंडोनेशिया जैसे कई देशों में स्नेक वाइन बेहद मशहूर है। चीनी लोगों का मानना है कि सांप के ब्लड में ऐसी प्रॉपर्टीज होती हैं, जो यौन शक्ति बढ़ाती हैं। इसके अलावा सांप का खून स्किन के लिए भी अच्छा होता है और जवान रखने में मदद करता है। सांप से त्वचा रोग के इलाज का इतिहास तो सदियों पुराना है। बता दें कि इसका पहला जिक्र 100 ईसा पूर्व में मिलता है। इसके अलावा इंडोनेशिया में स्किन की गंभीर बीमारियों के इलाज सांप की त्वचा के लेप से किया जाता है। इंडोनेशिया के सैनिकों को सांप का खून और मांस परोसा जाता है।