Israel Iran Conflict: इजरायल और ईरान के बीच कई दिनों से संघर्ष जारी है। जिससे भारी तबाही देखने को मिल है। जिसको लेकर राजनेताओं की बयानबाजी भी जारी है। वहीं अब इसपर ईराक के धर्मगुरुओं का भी बयान सामने आया है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को झटका देते हुए ईरान के सर्वोच्च नेता खामनेई ने आत्मसमर्पण से इनकार कर दिया है। वहीं ट्रंप ने भी एक बार फिर ईरान पर हमले की धमकी दी है। वहीं दूसरी ओर भारत ने भी ईरान में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन सिंधू शुरू कर दिया है।
अयातुल्ला अली सिस्तानी ने चेतावनी दी
जानकारी के अनुसार ईराक के शीर्ष सिया धर्मगुरु अयातुल्ला अली सिस्तानी ने चेतावनी दी है की अगर ईरान के शीर्ष नेतृत्व को निशाना बनाया गया तो इससे अराजकता फैलेगी। और ये विनाश का बड़ा कारण बन सकता है। बता दें की इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई को निशाना बनाने की बात कही थी। हालांकि इस बयानबाजी के बीच भी दोनों देशों के बीच संघर्ष जारी है। दोनों तरफ से हमले भी किए जा रहे है। जिससे भरी नुकसान भी हो रहा है।
ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले का आदेश
लगभग 83 फीसदी यहूदी इस्राइली लोगों ने पश्चिम एशिया के एक अन्य देश ईरान के खिलाफ युद्ध का समर्थन कर रहे हैं। यहां तक कि एविगडोर लीबरमैन जैसे दक्षिणपंथी कट्टरपंथी नेता भी अब कह रहे हैं कि नेतन्याहू सही काम कर रहे हैं। लीबरमैन ने 2018 में सरकार की नीतियों से असंतुष्ट होकर अपना कैबिनेट पद छोड़ दिया था। गाजा में युद्ध के कारण पिछले साल नेतन्याहू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने वाले बेनी गैंट्ज ने भी कहा है कि ईरान के मामले में केवल सही या गलत का फैसला होना है, और इस्राइल सही है। बता दें कि पीएम नेतन्याहू ने बीते शुक्रवार यानी 13 जून को इस्राइली सेना को ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले का आदेश दिया।