पाकिस्तान की सरकार बीते कई वर्षों से पाइपलाइन पर काम करने के लिए अनिच्छुक और काफी नरम रूख अपनाएं हुई थी क्योंकि पाक सरकार ईरान के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के कारण इस परियोजना का समर्थन करने से बचते रही थी। लेकिन अब पाकिस्तान एक पाइपलाइन बनाने के लिए आगे बढ़ रहा है जो ईरान से प्राकृतिक गैस का परिवहन करेगी, यह कदम देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगा।
बता दें कि दोनों देशों ने 2013 में 25 साल के गैस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिससे ईरान को अंतरराष्ट्रीय अदालतों में लड़ाई की धमकी देने का कारण मिल गया था। पाकिस्तान के परंपरागत रूप से अमेरिका और ईरान के साथ घनिष्ठ संबंध रहे हैं। पाकिस्तान का कहना है कि उसे अपने उद्योग के लिए पर्याप्त गैस आपूर्ति की आवश्यकता है क्योंकि उसके घरेलू संसाधन तेजी से कम हो रहे हैं। कुल आपूर्ति में आयातित तरलीकृत प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़कर 29% हो गई है।
जानकारी के अनुसार यह पाइपलाइन करीब 800 किलोमीटर लंबी होगी जो इरान के बॉर्डर से शुरू होकर पाकिस्तान के ग्वादर तक बिछाई जायेगी।
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