Women Reservation Bill Passed In Lok Sabha: लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने के प्रावधान वाला विधेयक बुधवार को लोकसभा में पास हो गया है। नए संसद भवन में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को महिला आरक्षण विधेयक पेश किया था। इस विधेयक में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है। लोकसभा में बुधवार को बिल पर करीब 8 घंटे तक चर्चा हुई और वोटिंग के दौरान पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट मिले थे।
संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा (Lok Sabha) में बुधवार को महिला आरक्षण बिल पारित हो गया है। बिल पर वोटिंग के दौरान लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहे।अब गुरुवार (21 सितंबर) को ये बिल राज्यसभा (Rajya Sabha) में पेश किया जाएगा। सदन में कार्यवाही शुरू होने से पहले पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की थी। इस विधेयक पर चर्चा में राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत कुल 60 सदस्यों ने इस विधेयक में भाग लिया था। इसमें 27 महिला सदस्य भी शामिल थी।
वहीं सोनिया गांधी ने कहा कि यह मेरी जिंदगी का मार्मिक क्षण है पहली बार स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी ही लेकर आए थे। बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कांग्रेस ने उसे पारित कराया था। राजीव गांधी का सपना अभी आधा ही पूरा हुआ है। इस बिल के पारित होने के साथ वह पूरा भी हो जाएगा। कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है। कांग्रेस की मांग है कि यह बिल जल्दी ही लागू किया जाए और इसके साथ ही जातीय जनगणना भी कराई जाए।
नए सदन में कांग्रेस, सपा, डीएमके, टीएमसी समेत सभी विपक्षी दलों ने विधेयक का समर्थन किया। हालांकि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ( एआईएमआईएम ) ने विधेयक का विरोध किया था। सदन में ओवैसी समेत एआईएमआईएम के दो सदस्य भी शामिल रहे।
वोटिंग के दौरान एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अभी लोकसभा में ओबीसी सिर्फ 22% है और मुस्लिम महिलाओं के लिए भी हमने संशोधन डाला था। सिर्फ 4% मुस्लिम महिलाएं है उनका भी प्रतिनिधित्व होना चाहिए। बिल के खिलाफ वोटिंग पर ओवैसी ने कहा कि भारत की आबादी में 7% मुस्लिम महिलाएं है और उनका प्रतिनिधित्व 0.7% है। हमने इसके खिलाफ वोट किया ताकि उन्हें पता चले कि दो सांसद थे जो ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं को शामिल करने के लिए वो लड़ रहे थे।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि हर कोई इस बात का समर्थन करेगा क्यूंकि ये हमारे देश की महिलाओं के लिए बहुत बड़ा कदम है। मैं इस बिल के समर्थन में हूं और ये बिल अधूरा है क्योंकि इसमें दो बात नहीं है पहली बात तो यह कि आपको इस बिल के लिए एक नई जनगणना और नया परिसीमन करना होगा। मेरी नजर में इस बिल को अभी से महिलाओं को लोकसभा और राज्यसभा में 33% आरक्षण देकर लागू कर देना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि भारत सरकार में 90 सचिव है जिनमें केवल तीन ओबीसी समुदाय से आते है और वे सिर्फ पांच प्रतिशत बजट को नियंत्रित करते है।
बसपा पार्टी की मुखिया मायावती ने महिला आरक्षण बिल पर कहा कि सरकार जिस बिल को लाई है इसे अभी लागू होने में 10-15 साल लग जाएंगे। मायावती ने आगे कहा कि बिल पास हो जाएगा लेकिन ये तुरंत लागू नहीं होगा। इसकी कई वजह भी उन्होंने बताई है। उन्होंने कहा कि सरकार इस बिल को केवल इस मकसद से लाई है कि विधानसभा और लोकसभा में महिलाओं का वोट हासिल कर सके। ये बिल सिर्फ लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम किया जा रहा है। यह बिल साफ नियत से नहीं लाया गया है।
महिला आरक्षण बिल पारित होने पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि आज इतिहास रचा गया है और दशकों का संघर्ष PM मोदी ने पूरा किया है। किसी भी सांसद के लिए संसदीय पारी शुरू करने का इससे बेहतर तरीका क्या हो सकता है कि वह विधेयक पारित हो जाए। जिसका करोड़ों महिलाएं इंतजार कर रही थी।