Amit Shah: लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी सुधारों पर अपने विचार रखे। इस दौरान उन्होंने स्पेशल इंटेंसिव रिव्यू (SIR) पर भी बात की। उन्होंने कहा कि जब इतिहास का ज़िक्र होता है तो गुस्सा करना एक नया ट्रेंड बन गया है। SIR 2004 में किया गया था और फिर 2025 में भी किया गया। अब तक किसी ने विरोध नहीं किया। लोकतंत्र में चुनाव वोटर लिस्ट के आधार पर होते हैं। इसलिए, यह SIR ज़रूरी है।
SIR क्यों किया जा रहा है? अमित शाह ने सदन में समझाया
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "SIR के तहत, जो लोग मर चुके हैं उनके नाम हटा दिए जाते हैं। विदेशी नागरिकों के नाम जोड़े जाते हैं। जो लोग 18 साल के हो गए हैं उनके नाम जोड़े जाते हैं। यह ध्यान रखा जाता है कि किसी वोटर का नाम एक से ज़्यादा जगह रजिस्टर न हो। यह SIR वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण है। क्या किसी विदेशी को इस देश की संसद, राज्य सरकार चुनने का अधिकार दिया जाना चाहिए? मेरी राय है कि उन्हें नहीं देना चाहिए।"
विपक्ष पर निशाना
गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि SIR के मुद्दे पर देश के लोगों को गुमराह करने की कोशिश की गई। SIR के बारे में एकतरफ़ा झूठ फैलाया गया। देश के लोगों को गुमराह करने की कोशिश की गई। सदन में चुनावी सुधारों पर चर्चा होनी थी, लेकिन ज़्यादातर विपक्षी सदस्यों ने सिर्फ़ SIR पर ही चर्चा की।
'SIR चुनाव आयोग का काम है'
शाह ने कहा, "विपक्ष ने SIR पर चर्चा की मांग की थी, लेकिन मेरा पक्का मानना है कि सदन में SIR पर चर्चा नहीं हो सकती। क्योंकि SIR का काम चुनाव आयोग की ज़िम्मेदारी है। भारत का चुनाव आयोग और चुनाव आयुक्त सरकार के अधीन काम नहीं करते। जब उन्होंने कहा कि हम चुनावी सुधारों पर चर्चा के लिए तैयार हैं, तो हम तुरंत सहमत हो गए।"
देश के कई राज्यों में SIR प्रक्रिया जारी
बता दें कि चुनाव आयोग देश के कई राज्यों, जिसमें बंगाल भी शामिल है, में स्पेशल इंटेंसिव रिव्यू के तहत वोटर लिस्ट की समीक्षा कर रहा है। इसी संदर्भ में विपक्ष चुनाव आयोग और सरकार पर तरह-तरह के आरोप लगा रहा है। इस मुद्दे पर लोकसभा में चुनावी सुधारों पर चर्चा की मांग उठी थी। संसद के दोनों सदनों में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के नेता अपने विचार रख रहे हैं। इससे पहले, बुधवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी अपने विचार रखे थे। उन्होंने बीजेपी सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं पर कब्ज़ा करने का आरोप लगाया और चुनाव में हेरफेर के भी आरोप लगाए।