Himachal: हिमाचल प्रदेश में कुछ दिनों से स्क्रब टायफस का कहर बरप रहा है, ताजा जानकारी के अनुसार बुधवार को शिमला के IGMC अस्पताल में इस बिमारी से ग्रस्त दो और मरीजों की मौत की खबर सामने आई है, जिसके बाद डॉक्टरों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
स्क्रब टायफस से दो युवितयों की हुई मौत
स्क्रब टायफस से ग्रसित दो युवतियों की बुधवार को मौत हो गई। दोनों युवतियां मंडी और कुल्लू की रहने वाली थी, एक 17 वर्ष की थी और दूसरे की 25 वर्ष की थी। बताया जा रहा है कि दोनों को कुछ दिनों पहले ही अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
लोकिन मंगलवार को तबीयत ज्यादा खराब होने के बाद दोनों ने ही दम तोड़ दिया। बता दें कि इसे पहले मंडी और शिमला के पंथाघाटी के दो बुजुर्ग मरीजों की भी स्क्रब टाइफस से मौत हो चुकी है। ऐसे में अब IGMC अस्पताल में स्क्रब टाइफस से जान गंवाने वालों की संख्या चार हो गई है।
IGMC के चिकित्सा अधीक्षक ने दोनों युवतियों की मौत की पुष्टि की है और साथ ही उन्होंने लोगों से सावधानी बरतने की सलाह दी।
कीट के काटने से फैलता है संक्रमण
यह बीमारी झाडियों यानी स्क्रब या बुश में पाए जाने वाले माइट यानी चींचड़ा के काटने से होती है। इसलिए इसका नाम स्क्रब टायफस रखा गया है। इसे बुश टायफस भी कहते हैं। हिमाचल में हर साल बरसात खत्म होने के बाद स्क्रब टायफस से मौत के मामले सामने आते है। स्क्रब के काटने के 10 दिन बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं।
संक्रमित व्यक्ति को बुखार और ठंड लगती है। इसके अलावा, सिरदर्द, बदन दर्द और मांसपेशियों में तेज दर्द होता है। संक्रमण बढ़ने पर हाथ, पैर, गर्दन और कूल्हे के नीचे गिल्टियां होती हैं। कभी-कभी शरीर पर दाने भी हो सकते हैं। इन लक्षणों के नजर आने पर मरीजों को तुरंत अस्पताल जाना चाहिए।
ऐसे करें बीमारी से बचाव
इस बीमारी से बचने के लिए शरीर में सफाई का ध्यान रखना होता है। घर और आसपास के वातावरण को साफ रखना होता है।