सात साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार आज देश की बेटी निर्भया को इंसाफ मिल गया। निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह 5.30 बजे दिल्ली के तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई। इस दौरान चारों दोषियों को एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाया गया। वही, दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, 'सात साल का संघर्ष था, आज इंसाफ मिला है। आज का दिन हमारी बच्चियों और महिलाओं के नाम।' बता दें कि आशा देवी ने इंसाफ के लिए काफी लंबे समय का इंतजार किया।
इससे पहले निर्भया की मां ने कहा, 'जैसे ही मैं सुप्रीम कोर्ट से लौटी, बेटी की तस्वीर को गले से लगाया और कहा कि आज तुम्हें इंसाफ मिला। आशा देवी ने वकील सीमा कुशवाहा और बहन सुनीता देवी को भी गले लगाया।' उन्होंने आगे कहा, 'देर से ही न्याय मिला। मैं न्यायपालिका, सरकारों और महामहिम राष्ट्रपति का धन्यवाद ज्ञापित करती हूं। न्यायपालिका ने साबित किया कि देर से ही सही न्याय जरूर मिलता है।'
आशा देवी ने कहा, 'मेरी बेटी तो वापस नहीं आएगी। मैंने उसके जाने के बाद यह लड़ाई शुरू की। मैंने अपनी बेटी की तस्वीर को आज सीने से लगाया और कहा कि आज तुम्हें न्याय मिल गया है।' उन्होंने देवी ने कहा कि 20 मार्च को वह निर्भया दिवस के तौर पर मनाएंगीं।
बता दें कि दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 रविवार की रात चलती बस में एक निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। यह घटना उस वक्त हुई जब वह फिल्म देखने के बाद अपने पुरुष मित्र के साथ बस में सवार होकर मुनीरका से द्वारका जा रही थी। उसके बस में बैठते ही लगभग पांच से सात यात्रियों ने उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। उस बस में और यात्री नहीं थे।
उसके मित्र ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन उन लोगों ने उसके साथ भी मारपीट की और निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। बाद में इन लोगों ने निर्भया और उसके मित्र को दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर के नजदीक वसंत विहार इलाके में बस से फेंक दिया।