‘भगवान के घर देर है अंधेर नहीं’ आज ये कहावत सही साबित हुई है। 7 साल 3 महीने और 3 दिन बाद निर्भया को इंसाफ मिला है। आखिरकार निर्भया के गुनहगारों को उनके किए की सजा मिल गई। सुबह 5.30 बजे निर्भया के चारों दोषियों को फांसी के फंदे पर लटकाया गया। दिल्ली की तिहाड़ जेल में निर्भया के गुनहगार को फांसी दी गई।
तय समय के मुताबिक सुबह साढ़े पांच बजे चारों दोषियों मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को तिहाड़ जेल में फांसी पर लटका दिया गया। देर रात सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन गुप्ता की याचिका खारिज कर दी। उसने फांसी पर रोक लगाने की याचिका दायर की थी। जस्टिस भानुमित की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई की और इसे खारिज कर दिया।
वहीं निर्भया की मां आशा देवी लंबे समय तक इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ी, आज जब दोषियों को फांसी दी गई तो उन्होंने ऐलान किया कि 20 मार्च को वह निर्भया दिवस के रूप में मनाएंगी। आशा देवी का कहना है कि वह अब देश की दूसरी बेटियों के लिए लड़ाई लड़ेंगी।
आपको बता दें कि, दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 रविवार की रात चलती बस में निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। यह घटना उस वक्त हुई जब वह फिल्म देखने के बाद अपने पुरुष मित्र के साथ बस में सवार होकर मुनीरका से द्वारका जा रही थी। उसके बस में बैठते ही यात्रियों ने उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। उस बस में और यात्री नहीं थे। उसके मित्र ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन उन लोगों ने उसके साथ भी मारपीट की और निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। बाद में इन लोगों ने निर्भया और उसके मित्र को दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर के नजदीक वसंत विहार इलाके में बस से फेंक दिया।