G20 India:G-20 की अध्यक्षता भारत को मिलने के बाद से ही जी-20 सम्मेलन सुर्खियों में है। बता दें कि G20 दुनिया का सबसे ताकतवर आर्थिक समूह है। इस समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम , संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं। वहीं इस बार भारत इस महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समूह के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभा रहा है। बता दें कि बतौर G20 अध्यक्ष भारत ने 17 अप्रैल को 100 वीं बैठक का पड़ाव पूरा कर लिया है।
G20 बैठकों का शतक पूरा
विदेश मंत्रालय की दी जानकारी के मुताबिक 17 अप्रैल को ही गोवा में दूसरे स्वास्थ्य कार्य समूह की बैठक, हैदराबाद में डिजिटल अर्थव्यवस्था पर दूसरे कार्य समूह की बैठक और शिलांग में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था पर नेताओं की बैठक आयोजित की गई। इस तरह से 17 अप्रैल तक भारत 103 बैठकों का आयोजन कर चुका है। वहीं भारत की अध्यक्षता में जी 20 की 17 अप्रैल को वाराणसी में सदस्य देशों के मुख्य कृषि वैज्ञानिकों की बैठक आयोजित हुई। यह भारत की अध्यक्षता में समूह की 100वीं बैठक थी। 100वीं बैठक तक 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 41 शहरों में जी 20 की 100 बैठकें आयोजित की जा चुकी थीं।
बता दें कि भारत ने जब से G20 अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली है, वो लगातार इस समूह के बैनर तले अलग-अलग क्षेत्रों और मुद्दों पर बैठकों का आयोजन कर चुका है ऐसे में 17 अप्रैल को इस जी 20 समूह की ये 100 वीं बैठक पूरी हुई है। फिलहाल भारत G20 के अध्यक्ष की जिम्मेदारी इस साल 30 नवंबर तक निभाएगा
जी 20 अध्यक्षता में 200 से ज्यादा मीटिंग होनी है
जानकारी के मुताबिक भारत की अध्यक्षता के दौरान कुल मिलाकर 200 से ज्यादा मीटिंग होनी हैं, ये बैठकें करीब 60 शहरों में निर्धारित की गई है। बता दें कि यह पहली बार है जब भारत पहली बार इतने बड़े पैमाने पर 200 से ज्यादा बैठकों के लिए विदेशी प्रतिनिधियों की मेजबानी कर रहा है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक ये किसी भी जी20 अध्यक्षता में सबसे व्यापक भौगोलिक विस्तार है। सभी 13 शेरपा ट्रैक वर्किंग ग्रुप, 8 फाइनेंस ट्रैक वर्कस्ट्रीम, 11 इंगेजमेंट ग्रुप और 4 इनिशिएटिव्स ने ठोस बातचीत शुरू की है। अब तक 110 से ज्यादा राष्ट्रीयता वाले 12,300 से अधिक प्रतिनिधियों ने जी20 से जुड़े बैठकों में हिस्सा लिया है। इसमें G20 सदस्यों, 9 आमंत्रित देशों और 14 अंतरराष्ट्रीय संगठनों की भागीदारी शामिल है।
वैश्विक वित्तीय संकट को टालने के उपाय खोजता है G20 का मंच !
आपको पता हो कि दुनिया की सभी बड़ी आर्थिक शक्तियां G20 के सदस्य हैं। वैश्विक जीडीपी में जी 20 का हिस्सा करीब 85 प्रतिशत है। वैश्विक व्यापार में इस समूह का योगदान 75 फीसदी से भी ज्यादा है। मानव संसाधन के नजरिए से भी ये बेहद महत्वपूर्ण है। इस समूह के सदस्य देशों में विश्व की कुल आबादी का 67 प्रतिशत हिस्सा रहते हैं। यही सारे देश वैश्विक अर्थव्यवस्था की दिशा और दशा तय करते हैं। हम कह सकते हैं कि The Group of Twenty यानी G20 अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का सबसे महत्वपूर्ण और ताकतवर मंच है। इसमें विकसित देश भी हैं और विकासशील देश भी।अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना में सुधार के साथ ही ये समूह वैश्विक वित्तीय संकट को टालने के उपाय खोजता है।
कौन-कौन देश हैं G20 के सदस्य ?
जी 20 समूह में यूरोपीय संघ के साथ ही 19 देश शामिल हैं। G-20 में उत्तर अमेरिका से कनाडा, मेक्सिको और संयुक्त राज्य अमेरिका है. दक्षिण अमेरिका अर्जेंटीना और ब्राज़ील शामिल हैं। अफ्रीका महाद्वीप से दक्षिण अफ्रीका है। पूर्व एशिया से तीन देश चीन, जापान और दक्षिण कोरिया शामिल हैं. दक्षिण एशिया से भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया से इंडोनेशिया शामिल हैं. वहीं मध्य-पूर्व एशिया से सऊदी अरब शामिल हैं। यूरेशिया से रूस और तुर्की के अलावा यूरोप से फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूनाइटेड किंगडम इसके सदस्य हैं।ओशियानिया से ऑस्ट्रेलिया G20 का सदस्य है। इनके अलावा यूरोपीय संघ भी इसका सदस्य है।