द्रौपदी मुर्मू ने (Draupadi Murmu) भारत की 15वीं राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली है। वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनी हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में देश सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ दिलाई गई। इसके बाद 21 तोपों की सलामी दी गई।
CJI एनवी रमण ने दिलाई शपथ
चीफ जस्टिस एनवी रमना ने द्रौपदी मुर्मू को संसद भवन के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस समारोह में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्री, राज्यपाल और विभिन्न देशों के राजदूत, संसद सदस्य और प्रमुख सैन्य व असैन्य अधिकारी भी समारोह में मौजूद रहे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भाषण
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि मैं भारत के युवाओं और महिलाओं को विश्वास दिलाती हूं कि इस पद पर काम करते हुए उनका हित ही मेरे लिए सर्वोपरि रहेगा। उन्होंने सभा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपका भरोसा और समर्थन मुझे नई जिम्मेदारी संभालने का बल दे रहा है। मुर्मू ने कहा कि मेरा नॉमिनेशन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब न केवल सपने देख सकता है, बल्कि उन सपनों को पूरा भी कर सकता है।
पदभार ग्रहण करना ऐतिहासिक क्षण- पीएम मोदी
द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद पीएम मोदी ने कहा उनका देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद को संभालना भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण है, खासकर गरीबों, वंचितों और कमजोर वर्गों के लिए।
21 तोपो की दी गई सलामी
देश की 15वीं राष्ट्रपति के तौर पर द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ली। उन्हें चीफ जस्टिस एनवी रमना ने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में शपथ दिलाई। शपथ के साथ ही उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। वह देश की पहली आदिवासी व दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। मुर्मू ने सेंट्रल हॉल से ऱाष्ट्रपति भवन जाने से पूर्व उन्होंने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।