Haryana Election 2024: हरियाणा में इन दिनों चुनावी माहौल बना हुआ है। क्योंकि प्रदेश में विधानसभा चुनाव 5 अक्टूबर को होना है जबकि 8 अक्टूबर को इसकी मतगणना होगी। राजनीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने में लगी हैं। तो हरियाणा में एक दशक से भाजपा की सरकार है। भाजपा जीत की हैट्रिक बनाने और कांग्रेस वापसी के लिए हरियाणा में जमकर मेहनत कर रही है, मगर कांग्रेस कार्यकाल में हुए भूमि घोटाले राह मुश्किल कर रहे हैं।
इस बार प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी की टक्कर
हरियाणा में इस बार ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। अभी तक जारी हुई लिस्टों में दोनों ही पार्टीयों ने एक से बढ़कर एक उम्मीदवार को टिकट दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा की इस बार कौन सी पार्टी प्रदेश में सरकार बनाएगी।
कांग्रेस के राज में हुए कई घोटाले
हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान कई ऐसे घोटाले सामने आए, जिनमें गरीबों और कमजोर वर्गों के हितों की अनदेखी करते हुए ताकतवर लोगों को फायदा पहुंचाने के आरोप लगे। इस शासनकाल में कई भूमि अधिग्रहण और संसाधन वितरण में अनियमितताओं की खबरें आईं, जो पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
हरियाणा की कांग्रेस कार्यकाल के भूमि घोटाले
आईएमटी मानेसर घोटाला
रिलायंस इंडस्ट्री घोटाला
गुड़गांव एम्यूजमेंट पार्क घोटाला
डीएलएफ को वजीराबाद जमीन की बिक्री
स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी घोटाला
राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट जमीन घोटाला
रोहतक जमीन घोटाला
उल्लाहवास जमीन घोटाला
कुरुक्षेत्र, 326 कनाल जमीन घोटाला
पंचकूला औद्योगिक भूखंड आवंटन घोटाला
23413 एकड़ जमीन की बिक्री नाला घोटाला
गरीबों की जमीनें, ताकतवर लोगों के फायदे
कांग्रेस सरकार के दौरान एक पैटर्न देखने को मिला जिसमें कमजोर वर्गों और गरीब किसानों की जमीनें छीनकर प्रभावशाली लोगों और बड़े निगमों को फायदा पहुंचाया गया। उदाहरण के तौर पर, मानेसर के आईएमटी घोटाले में 912 एकड़ जमीन को संदिग्ध तरीके से अधिग्रहित किया गया। यह मामला इस बात का उदाहरण है कि किस तरह से पारदर्शिता की अनदेखी कर लोगों की संपत्तियों को हथियाया गया।
पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जा
पानीपत के नामरहा गांव में पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला सामने आया, जिससे स्थानीय समुदायों की समस्याएं और बढ़ गईं। यह घटना बताती है कि कैसे कांग्रेस शासन के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों का दुरुपयोग किया गया और लोगों के अधिकारों की अनदेखी की गई।