Chhangur Baba: उत्तर प्रदेश में धर्म के नाम पर काले साम्राज्य चलाने वाला छांगुर बाबा आज सलाखों के पीछे है। उसकी काली कहानी सबके सामने है। पर क्या आप जानते है की काले कर्मो वाला ये छांगुर बाबा कौन है। जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा 2010 से पहले साइकिल पर गली-गली घूमकर अंगूठी बेचा करता था और टोना-टोटका किया करता था। धीरे-धीरे वो झाड़-फूंक कर बीमारियों को ठीक करने का दावा करता था और लोगों को अपनी जाल में फंसाता था। उसने अपने साम्राज्य को बढ़ाना शुरू किया और देखते-देखते करोड़ों रुपये की संपत्ति का मालिक बन गया। बाबा को हाल ही में उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधक दस्ते ने गिरफ्तार किया था।
अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई शुरू
पुलिस के बयान में कहा गया है। गरीब, असहाय मजदूरों, कमजोर वर्गों और विधवा महिलाओं को प्रलोभन, आर्थिक मदद, शादी के वादे या धमकी देकर धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया। छांगुर बाबा को धर्मांतरण के लिए विदेशी फंडिंग होती थी। उसने धर्मांतरण के लिए जाति आधारित रकम तय की थी। जांच में पाया गया कि छांगुर बाता और उसके अन्य सहयोगियों के 40 से अधिक बैंक खातों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की लेन-देन हुई है। उसे खाड़ी देशों से भी फंडिंग होती थी। अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पांडे ने बताया कि शिकायत मिली थी कि मध्यपुर गांव में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा ने सरकारी जमीन हड़प ली है और जांच में यह बात सच पाई गई। बाबा ने सरकारी जमीन पर आलीशान कोठी बनवाई थी। जिसमें करीब 20 कमरे थे। बाबा लग्जरी लाइफ जीता था। उसके पास लग्जरी गाड़ियां, शोरूम हैं। फिलहाल पुलिस ने उसके अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई शुरू कर दी है।
गैर मुस्लिम समुदायों के लोगों का इस्लाम में धर्मांतरण
शनिवार 5 जुलाई को उत्तर प्रदेश आतंकवाद निरोधी दस्ते ने छांगुर बाबा को उसके सहयोगी के साथ गिरफ्तार किया था। छांगुर बाबा और सह-आरोपी नीतू उर्फ नसरीन बलरामपुर जिले के मधपुर के निवासी हैं। छांगुर बाबा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 50,000 रुपये का नकद इनाम घोषित किया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा था कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि जलालुद्दीन की गतिविधियाँ न केवल असामाजिक हैं, बल्कि राष्ट्रविरोधी भी हैं। लखनऊ के गोमतीनगर स्थित एक पुलिस थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज मामले में आरोप लगाया गया है कि आरोपियों ने लोगों का धर्म परिवर्तन कराने के लिए संगठित तरीके से काम किया और हिंदुओं तथा गैर मुस्लिम समुदायों के लोगों का इस्लाम में धर्मांतरण कराया।