Who is Next Delhi CM: मीडिया हर एक विधायक में मुख्यमंत्री का चेहरा खोज रही है। लेकिन दिल्ली का करीब-करीब हर विधायक चाहता है उसका नाम मीडिया में न चले। इसके पीछे की वजह बीजेपी के फैसले के पीछे छिपे दो अहम पहलू-सीक्रेसी और सस्पेंस है। उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी हो या राजस्थान के भजनलाल शर्मा और मध्य प्रदेश के मोहन यादव, इन सभी को देख लीजिए। मीडिया में नाम चला किसी और का और इन राज्यों में मुख्यमंत्री पद मिला किसी और को। इसीलिए फ़िलहाल सभी 48 विधायक मुख्यमंत्री पद के दावेदार मने जा सकते हैं।
कौन बन सकता है दिल्ली का मुख्यमंत्री?
प्रवेश वर्मा- प्रवेश एक ताकतवर जाट नेता हैं जो दिल्ली के गांवों से जुड़े हैं। बाहरी दिल्ली के गांवों से बीजेपी को भरपूर समर्थन मिला। बाहरी दिल्ली की सातों सीटें बीजेपी की झोली में आ गईं। इस लिहाज़ से वह मुख्यमंत्री की रेस में हैं। प्रवेश वर्मा अमित शाह के नज़दीकी हैं। लेकिन सवाल ये भी है कि क्या वह कार्यकर्ताओं की भी पसंद है।
मोहन सिंह बिष्ट- वह छठी बार विधायक बनें हैं। वह मुस्लिम बहुल मुस्तफाबाद सीट से चुनकर आए हैं। वह लंबे समय तक विधायक रहे है। वह पहाड़ी समाज के क़द्दावर नेता हैं। इनको भी मीडिया मुख्यमंत्री या स्पीकर के पद पर संभावित चेहरे के तौर पर देख रही है। दिल्ली की सियासत में मोहन सिंह बिष्ट सबसे अनुभवी विधायक माने जाते हैं।
विजेंद्र गुप्ता- बीजेपी बीते दस साल से दिल्ली की सत्ता से भले ही दूरी रही हों लेकिन विजेंद्र गुप्ता लगातार रोहिणी से जीतते रहे हैं। वह बीजेपी के स्टैंड को दमदार तरीक़े से विधानसभा में रखते रहे हैं। सरकारी कामकाज और दिल्ली सरकार की बारीकियों को बखूबी समझते हैं। रोहिणी में विकास के जो काम उन्होंने किए उसकी वजह से अमित शाह भी उनकी तारीफ़ कर चुके हैं। वह दिल्ली में बनिया जाति के दमदार नेता के तौर पर जाने जाते हैं।
राजकुमार चौहान- दिल्ली में 12 सुरक्षित सीटों में बीजेपी को इस बार चार सीटें मिली है। इनमें सबसे प्रमुख नाम राजकुमार चौहान का है। वह कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे हैं। बीजेपी ने उनको मंगोलपुरी सीट से उतारा था। उनको कामकाज का लंबा अनुभव है लेकिन कांग्रेसी पृष्ठभूमि उनका नकारात्मक बिंदु है। रवि इंद्रराज सिंह भी रेस में हैं।
कैलाश गंगवाल- मादीपुर से आम आदमी पार्टी की राखी बिड़ला को हराने वाले कैलाश गंगवाल का नाम भी सीएम की रेस में माना जा रहा है। जबकि बवाना से जीते रवि इंद्राज समेत चार दलित विधायकों को सरकार में अहम ज़िम्मेदारी मिल सकती है।