उत्तराखंड ((UttaraKhand) के उत्तरकाशी में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के पास सिलक्यारा और डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग ( Tunnel)के एक हिस्से के धंस जाने से सुरंग के भीतर काम कर रहे सभी श्रमिक उसमें फंस गए हैं। बता दें कि रविवार की सुबह तड़के 5 बजे के करीब यह घटना हुई। जिसमें कुल 40 श्रमिक सुरंग के भीतर फंसे हुए हैं। अब इस अभियान में मजदूरों के राहत-बचाव के लिए ऑगर ड्रिलिंग मशीने (Auger Driling Machine) मंगाई गई थी जोकि खराब हो गई है, अब दोबारा नई मशीन इस राहत-बचाव अबियान के लिए मंगाई गई है। यह मशीन सुरंग के भीतर मलबे में 900 मिमी स्टील पाइप को लगाएगी। इस पाइप के जरिए सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकला जाएगा।
जिन कारणों से राहत-बचाव ्अभियान में देरी आ रही उनमें से प्रमुख कारण यह हैं।
-सुरंग के ऊपर से गिर रही मिट्टी से राहत-बचाव कार्यों में बाधा आ रही है।
-ऑगर Augar Machine मशीन जोकि ड्रिलिंग (Drilling) के लिये कल ही लाई गयी थी उसे फिट और जमाने में कल पूरा दिन लग गया। आज सुबह वो मशीन खराब हो गई और अब नई मशीने मंगाई है। जो आज सबह ही पहुंची।
-ड्रिलिंग (Drilling) के वक्त कई ठोस चट्टान बीच में आ रहे है जिन्हें काटने और अलग करने में काफी समय लग जाता है। जानकारी के मुताबिक 1 मीटर ड्रिल करने में लगभग1 घंटे का समय लग रहा है और 50 से 60 मीटर की ड्रिलिंग अभी ओर की जानी है।
-नई ड्रिलिंग मशीन के लिये फिर नया प्लेटफार्म तैयार किया जाना है। जिसमें 5-6 घंटें का समय या उससे ज़्यादा भी लग सकता है।
ड्रिलिंग (Drilling) के बाद अंत में पाइप लगाये जाने हैं,जिनके जरिये श्रमिकों को बाहर निकाला जायेगा। इन पाइप को फिट करने में भी अभी ओर समय लग सकता है।
सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने का राहत बचाव कार्य लगातार जारी है। उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रया बल SDRF, ITBP और पुलिस राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई है।
वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुस्कर सिंह धामी ने घटनास्थल का दौरा भी किया और कहा कि सभी विशेषज्ञ एजेंसियां श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने में निरंतर जुटी हैं। इस समय हमारी प्राथमिकता है कि सभी 40 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाला जाए। हम परिजनों और अन्य सदस्यों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि केंद्र और राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
इस मलबे में बिहार के 4, उत्तराखंड के 2, बंगाल के 3, यूपी के 8, उड़ीसा के 5, असम के 2, हिमाचल प्रदेश का एक श्रमिक और सबसे अधिक झारखंड के 15 श्रमिक फंसे हैं।