उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा निरीक्षण करने और राज्य में नदियों पर अवैध खनन के प्रतिकूल प्रभाव पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए नियुक्त कोर्ट कमिश्नर आलोक मेहरा ने शुक्रवार को अदालत को बताया कि अवैध खनन से नदियों को गंभीर नुकसान हुआ है। कई नदियों की इकॉलोजी पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है।
बता दें कि हाई कोर्ट ने सरकार को एक हलफनामा दायर करने और 6 दिसंबर तक नदियों में अवैध खनन को रोकने के लिए एक उचित योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जिसके बाद अदालत ड्रेजिंग पर प्रतिबंध लगाने के अपने पिछले आदेश को संशोधित करने पर विचार कर सकती है।
वहीं सरकार ने गुरुवार को ड्रेजिंग की अनुमति देने के लिए एक आवेदन दायर किया था, जिसमें कहा गया था कि राज्य को न केवल सालाना 500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है, बल्कि बुनियादी ढांचे से संबंधित विकास कार्य भी बाधित हो रहे हैं