Bihar Flood: बिहार में बाढ़ से हाहाकार है। लोगों के आशियाने विलीन हो गए। सैकड़ों घर पानी में डूबे हुए हैं। लोगों को पलायन करना पड़ रहा है। लगातार बारिश के कारण गंगा, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, सोन, पुनपुन समेत कई नदियां उफान पर है। बक्सर, भोजपुर, सारण, पटना, वैशाली, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, भागलपुर, बेगूसराय, खगड़िया, पूर्णिया और कटिहार के निचले इलाकों में पानी घुस गया है। तीन हजार से अधिक लोग बेघर हो गए हैं। करीब 15 लाख लोग सीधे तौर पर बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। लोगों को ऊंचे स्थानों पर शरण लेना पड़ा है।
जिला प्रशासन की टीम बाढ़ पीड़ितों को राहत पैकेज बांट रही
जिला प्रशासन की टीम बाढ़ पीड़ितों को राहत पैकेज बांट रही है। कई जगह लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्कूल भी बंद कर दी गई है। नीतीश सरकार ने लोगों से अलर्ट रहने की अपील की है। मुंगेर जिले में भयावह हो चुकी है। प्रसाशनिक आंकड़ों के अनुसार, जिले के सदर ,जमालपुर बरियारपुर ,धरहरा और हवेली खड़गपुर केतिस पंचायत के 213 गांव पूरी तरह बाढ़ से प्रभावित हैं। जबकि नगर निकाय क्षेत्र के 15 वार्ड बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। जिला में ग्रामीण क्षेत्र के 26 हजार घर के दो लाख बीस हजार आवादी और शहरी क्षेत्र के इक्कीस हजार छह सौ घरों की अठारह हजार आबादी बाढ़ की चपेट में है। इसके अलावा सात हजार 933 पशु भी बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं।
वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए हाई लेवल मीटिंग
लखीसराय बाढ़ से बेहाल सरकारी आंकड़ों के अनुसार गंगा का जलस्तर 15 सेमी घटा है, लेकिन पर पिपरिया, बड़हिया व लखीसराय प्रखंड के 14 पंचायतों में बाढ़ गंभीर है। गंगा व हरुहर नदी का पानी गांवों, स्कूलों, अस्पतालों व खेतों में घुस गया है। सड़क संपर्क ठप, नाव ही सहारा है। सैकड़ों एकड़ फसलें नष्ट, मवेशी ऊंचे स्थानों पर पहुंचाए जा रहे हैं। पिपरिया प्रखंड कार्यालय पानी में डूबने से सैदपुरा पंचायत भवन में शिफ्ट किया गया। राहत सामग्री व सामुदायिक किचन की व्यवस्था जारी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने वाले थे। लेकिन, लगातार बारिश होने के कारण उनका यह कार्यक्रम स्थगित हो गया। इसके बाद सीएम नीतीश कुमार ने डिप्टी सीएम, मंत्री, अधिकारी और संबंधित जिलों में डीएम के साथ वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए हाई लेवल मीटिंग की। उन्होंने बाढ़ प्रभावित इलाकों का हाल जाना। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत शिविर, शरणार्थियों की संख्या, सामुदायिक रसोई की संख्या के बारे में जानकारी ली।