Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ सियासी जंग छिड़ गई है। विपक्षी महा विकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल पार्टियां महायुति सरकार और भाजपा को घेरने का एक भी मौका नहीं छोड़ रही। अभी हाल ही में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने पर कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी (एसपी) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना सड़कों पर उतर आई और राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के पोस्टरों पर जूते तक मारे।
कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियां मराठी आरक्षण समेत अन्य मुद्दों पर खुद को महाराष्ट्र की हितैषी साबित बता कर चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ माहौल तैयार करने में जुटी हुई है। कांग्रेस, एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूटीबी) के लिए महाराष्ट्र की जनता क्या सोचती है उन्हें क्या वोटर अपने राज्य का सच्चा हितैषी मानते हैं आइए जानते है?
कांग्रेस और महायुति में शामिल पार्टियों के नेता वोटरों को साधने के लिए भले ही जितने भी दावे कर ले लेकिन यहां की जनता का मानना है कि कांग्रेस महाराष्ट्र हितैषी नहीं बल्कि उसने महाराष्ट्र के प्रति स्पष्ट रूप से अपनी नापसंदगी दिखाई है।
कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने कभी भी महाराष्ट्र के लोगों के कल्याण को प्राथमिकता नहीं दी और महाराष्ट्र की महान विभूतियों का अपमान किया है।छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले, शाहू महाराज, डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर और सावरकर जैसे प्रमुख नेताओं को कांग्रेस के विरोध का सामना करना पड़ा है।
वहीं पिछले कुछ समय में विपक्षी नेताओं के कार्यों और बयानों ने छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज जैसे ऐतिहासिक व्यक्तित्वों के सम्मान को लेकर महत्वपूर्ण विवाद और बहस को जन्म दिया है।
'कांग्रेस ने छत्रपति शिवाजी को "विश्वासघाती लुटेरा" बताया'
जवाहरलाल नेहरू ने भी अपनी पुस्तक "डिस्कवरी ऑफ इंडिया" में छत्रपति शिवाजी को "विश्वासघाती लुटेरा" कह कर उनका अपमान किया था। इसके अलावा कांग्रेस ने मध्य प्रदेश और बागलकोट में छत्रपति शिवाजी की मूर्तियां हटा दी हैं और मैंगलोर में उनका विरोध किया। पार्टी ने मुंबई को महाराष्ट्र को दिए जाने का भी विरोध किया और राज्य की अन्य प्रमुख हस्तियों का अपमान किया है।
'उद्धव ठाकरे ने सत्ता के लिए छोड़ा हिंदुत्व'
शरद पवार भी छत्रपति शिवाजी की विचारधारा के खिलाफ गए हैं। वहीं हिंदुत्व का झंडा बुलंद करने वाली शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे सत्ता की लालसा में कांग्रेस के विचारों से तालमेल बिठाया है।
संजय राउत ने औरंगजेब की प्रशंसा
यूबीटी नेता संजय राउत ने औरंगजेब और मुगलों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने कभी छत्रपति शिवाजी महाराज या छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान नहीं किया। इसे मुगलों से स्वराज्य की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों के प्रति अनादर के रूप में देखा गया।
शरद पवार के नेताओं ने किया विरोध
राकांपा (सपा) विधायक प्रकाश गजभिये ने छत्रपति शिवाजी महाराज की वेशभूषा धारण की और अपनी पार्टी के नेताओं को नमन किया। एनसीपी (सपा) नेता अमोल कोल्हे और कांग्रेस ने खुले तौर पर औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी नगर करने का विरोध किया।