Rajya Sabha: संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में सीआईएसएफ कर्मियों की मौजूदगी के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। कार्यवाही के दौरान सभापति ने इस बात पर आपत्ति जताई कि खरगे के सीआईएसएफ कर्मियों की तैनाती को लेकर लिखे गए पत्र को मीडिया में क्यों जारी किया गया। सभापति ने इसे सदन के नियमों का उल्लंघन करार दिया। अब केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने खरगे पर कार्रवाई की मांग की है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने सदन के वेल में सीआईएसएफ की तैनाती का मुद्दा उठाया
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सदन के वेल में सीआईएसएफ की तैनाती का मुद्दा उठाया। उन्होंने उपसभापति हरिवंश से कहा कि मैंने आपको लिखा था- 'मैं राज्यसभा में विपक्षी दलों की ओर से आपको लिख रहा हूं। हम इस बात से हैरान और स्तब्ध हैं कि किस तरह CISF को सदन के वेल में आने के लिए मजबूर किया गया, जबकि सदस्य विरोध के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर रहे थे। हमने इसे कल भी देखा और आज भी देखा। हमारी संसद को इस स्तर तक गिरा दिया गया है। यह बेहद आपत्तिजनक है और हम इसकी स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में CISF के जवान सदन के वेल में तब नहीं आएंगे, जब सदस्य सार्वजनिक चिंता के महत्वपूर्ण मुद्दे उठा रहे हों।'
राज्यसभा में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा
इस पर राज्यसभा में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, 'मैं स्पष्टीकरण के लिए एक बात पूछना चाहूंगा। विपक्ष के नेता बहुत वरिष्ठ नेता हैं। मल्लिकार्जुन खरगे ने सवाल उठाया था। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि सदन में CISF के जवान लाए गए और दिल्ली पुलिस को लाया गया। यह रिकॉर्ड में स्पष्ट है कि केवल मार्शल ही सदन में प्रवेश कर सकते हैं। उस दिन केवल मार्शल ही यहां थे। इसलिए विपक्ष के नेता ने गुमराह किया और यहां गलत तथ्य पेश किए। उन्होंने आपको भी पत्र लिखा है। जब विपक्ष के नेता सभापति को गलत पत्र लिखते हैं और गलत तथ्य पेश करते हैं, तो उसके लिए क्या कार्रवाई होनी चाहिए?'