Himachal News: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा मॉनसून सत्र चल रहा है, सत्र के तीसरे दिन मुख्यमंत्री ने सदन में बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि- मेरे विधानसभा क्षेत्र के सदस्य और मुख्य संसदीय सचिव अगले दो महीने तक अपना वेतन और भत्ते नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने अन्य विधायकों से भी अपील की है कि वे स्वेच्छा से अपना वेतन और भत्ते छोड़कर राज्य के इस संकट में मदद करें।
वेतन के अलावा सरकार के मंत्री ट्रेवेलिंग भत्ता और महंगाई भत्ता भी नहीं लेंगे। मुख्यमंत्री का कहना है कि ये फैसला राज्य में वित्तीय संकट के मद्देनजर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने राज्य की आर्थिक स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते सदन में बताया कि राजस्व घाटा अनुदान जो वर्ष 2023-24 में 8058 करोड़ रुपये थी। वह इस वर्ष 1800 करोड़ रुपये कम होकर 6258 करोड़ रुपये हो गई है।
अगले वर्ष (2025-26) में यह 3000 करोड़ रुपये और कम होकर 3257 करोड़ रुपये रह जाएगी। पोस्ट डिजास्टर नीड्स असेसमेंट (NPS) कर्मचारियों की PDNA की लगभग 9042 करोड़ रुपये की राशि में से केंद्र सरकार से अभी तक कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है।
एनपीएस कंट्रीब्यूशन के लगभग 9200 करोड़ रुपये पीएफआरडीए से प्राप्त नहीं हुए हैं, जिसके लिए हम केंद्र सरकार से कई बार अनुरोध कर चुके हैं। GST मुआवजा जून 2022 के बाद मिलना बन्द हो गया है, जिससे प्रतिवर्ष लगभग 2500-3000 करोड़ की आय कम हो गई है।
पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के कारण कर्ज लेने की सीमा को भी करीब 2,000 करोड़ रुपये से कम कर दिया गया है। इन परिस्थितियों से पार पाना आसान नहीं है। सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार की आय बढ़ाने और गैर उत्पादक व्यय कम करने का प्रयास किया गया है। इन प्रयासों के परिणाम आने में समय लगेगा।