Himachal News: हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड कर्मचारियों और सरकार के बीच तनातनी बढ़ गई है। राज्य बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के समक्ष 28 अक्टूबर को धरने प्रदर्शन का ऐलान किया है। इस बात की जानकारी बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन ने शुक्रवार को बोर्ड मुख्यालय में आयोजित प्रैसवार्ता में दी।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए बिजली बोर्ड कर्मचारी यूनियन एवं फ्रंट के महासचिव हीरालाल वर्मा ने कहा कि सरकार बोर्ड के प्रति एक के बाद एक कर्मचारी विरोधी फैसले ले रही है। जिससे कर्मचारियों में भारी रोष है।
वहीं कर्मचारियों का कहना है कि सरकार उनकी मांगें अब तक पूरी नहीं की गई हैं और उधर, सरकार कर्मचारियों को निकालने पर लगी है। ऐसे में अब हिमाचल बिजली बोर्ड कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का फैसला लिया है।
राज्य में होगा ब्लैक आउट
कर्मचारियों का कहना है कि 28 अक्टूबर को बिजली बोर्ड कर्मचारी प्रदेश भर में दोपहर 1:30 बजे एकत्रित होकर प्रदर्शन करेंगे। अगर आंदोलन बावजूद भी सरकार कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाती है तो प्रदेश भर में ब्लैक आउट जैसी स्थिति भी उत्पन हो सकती है।
कर्मचारियों की ये हैं मांगे
1. 16 अक्टूबर, 2024 को जारी अधिसूचना के तहत समाप्त किए गए इंजीनियरिंग कैडर के 51 पदों को बहाल किया जाए।
2. पिछले 10-12 साल से ड्राइवर के पद पर काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारी के छंटनी के आदेश वापस लिए जाएं।
3. सरकार कर्मचारियों के लिए बिना देरी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करें।
4. हिमाचल प्रदेश सरकार और बिजली बोर्ड कर्मचारियों और इंजीनियरों के संयुक्त संगठन के बीच एचपीएसईबी स्थानांतरण योजना, 2010 से जुड़े द्विपक्षीय समझौते के प्रावधानों का अक्षरशः पालन करना हो। संयुक्त मोर्चा के परामर्श के बिना किसी भी परि-संपत्ति जैसे लाइन, सब स्टेशन और पावर हाउस को अन्य इकाई को ट्रांसफर न किया जाए।
5. बिजली बोर्ड में खाली पदों पर भर्ती भी की जाए।
6. सातवें वेतन आयोग का कर्मचारियों/पेंशनभोगियों को पेंशन और वेतन का बकाया जारी किया जाए।
7. कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के सभी लंबित टर्मिनल लाभ, भुगतान को और विलंबित रूप से जारी किया जाएं।