Uttarakhand: राज्य में कोविड काल के बाद सबसे कम जंगल धधके। 2014 से राज्य में जंगल की आग की घटनाओं को देखे तो सबसे कम घटनाएं कोविड काल 2020 में हुई थी। राज्य में जंगल की आग की दृष्टि से अब तक हालात काफी काबू में रहे हैं। अगर ऐसी ही स्थिति आगे भी रहती है तो बीते 11 सालों में प्रदेश में कोविड काल के बाद जंगल की आग की सबसे कम घटनाएं होंगी। अभी तक प्रदेश में फायर सीजन के बाद से 204 वनाग्नि की घटनाएं हुई हैं। पिछले साल जंगल की आग की 1276 घटनाएं हुई थी, इसमें 1773 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन संपदा को नुकसान हुआ।
जंगल की आग की घटनाओं में कई लोगों की मौत
जंगल की आग की घटनाओं में कई लोगों की मौत हुई थी। घटनाओं के मद्देनजर वनाधिकारियों को निलंबित कर अटैच किया गया था। इस बार स्थितियां तुलनात्मक तौर पर काफी काबू में हैं। 15 फरवरी से राज्य में वनाग्नि की 204 घटनाओं में 226 हेक्टेयर क्षेत्रफल में वन संपदा को नुकसान पहुंचा है। वहीं जंगल की आग की घटनाओं में कमी का एक बड़ा कारण बारिश रही। इसके अलावा वन विभाग ने भी पिछले साल की घटनाओं के मद्देनजर पहले से कई कदम उठाएं, जिसका भी लाभ मिला है।
कोविड काल के बाद की सबसे कम घटनाएं
अगर 2014 से राज्य में जंगल की आग की घटनाओं को देखे तो सबसे कम घटनाएं कोविड काल 2020 में हुई थी, इस साल 135 घटनाओं में 173 हेक्टेयर क्षेत्रफल में जैव विविधता को नुकसान पहुंचा था। यदि वर्तमान स्थितियां बनी रहती हैं, तो कोविड काल के बाद की सबसे कम घटनाएं हो सकती हैं।