Diwali Special : दिवाली का त्योहार खुशियों और रौशनी का प्रतीक है, लेकिन इसके साथ ही यह सावधानियों का भी समय है। खासकर बच्चों के लिए यह समय काफी जोखिम भरा हो सकता है। फटाखों और आतिशबाज़ी का उत्साह बच्चों को आकर्षित करता है, लेकिन इनके गलत उपयोग से गंभीर चोटें, जलने की घटनाएं और कभी-कभी स्थायी नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए माता-पिता और परिवार के सदस्यों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।
रॉकेट या चीनी की बत्ती जैसी वस्तुएँ न दें
सबसे पहले, बच्चों को फटाखों और आतिशबाज़ी से पूरी तरह दूर रखना चाहिए। यदि वे छोटे हैं, तो उन्हें कभी भी अकेले फटाखे जलाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों को इस बारे में समझाएं कि फटाखे केवल वयस्कों द्वारा सुरक्षित तरीके से ही जलाए जा सकते हैं। बच्चों के हाथों में कभी भी तेज़ जलने वाले पटाखे, रॉकेट या चीनी की बत्ती जैसी वस्तुएँ न दें।
धुएँ और केमिकल वाले फटाखों से दूर रखें
दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि घर में फटाखे जलाते समय सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करें। बच्चों को हमेशा सुरक्षित दूरी पर रखें और उनके पास पानी की बाल्टी या अग्निशमन उपकरण रखें। अगर कोई बच्चा फटाखे के धुएँ या आवाज़ से डरता है, तो उसे तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाएँ। इसके अलावा, बच्चों को धुएँ और केमिकल वाले फटाखों के निकट न आने दें। कई बार फटाखों में हानिकारक रसायन होते हैं, जो बच्चों की त्वचा या आंखों को नुकसान पहुँचा सकते हैं। बच्चों की आंखों और हाथों की सुरक्षा के लिए उन्हें दस्ताने और चश्मा पहनाना एक अच्छा उपाय हो सकता है।
लाइट्स के इस्तेमाल में सावधानी बरतें
दिवाली पर घर की सजावट और लाइट्स के इस्तेमाल में भी सावधानी बरतें। बिजली के तारों को बच्चों की पहुंच से दूर रखें और जलती हुई मोमबत्तियों या दीयों के पास उन्हें न जाने दें। किसी भी अप्रत्याशित घटना से बचने के लिए पहले से ही सुरक्षा योजना बना लें और बच्चे को समझाएँ कि उन्हें किन जगहों पर नहीं जाना चाहिए। अंत में, यह याद रखना आवश्यक है कि दिवाली का त्योहार बच्चों के लिए आनंद और सुरक्षा दोनों का संदेश लाता है। थोड़ी सी सतर्कता और समझदारी से आप अपने बच्चों को सुरक्षित रख सकते हैं और त्योहार की खुशी को बेशकीमती बना सकते हैं।