Shibu Soren Death: दिशोम गुरु शिबू सोरेन का आज निधन हो गया। यह जानकारी उनके बेटे और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद 'एक्स' पर पोस्ट कर साझा की। उन्होंने लिखा कि आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं। आज मैं शून्य हो गया हूं। राज्य सरकार ने तीन दिनों के राजकीय शोक का एलान किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट कर जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "शिबू सोरेन जी एक ज़मीनी नेता थे, जिन्होंने जनता के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में तरक्की की। वे आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए विशेष रूप से प्रतिबद्ध थे। उनके निधन से दुःख हुआ। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी से बात की और संवेदना व्यक्त की। ओम शांति।"
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने किया शोक व्यक्त
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, 'झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के वरिष्ठतम नेताओं में से एक, श्री शिबू सोरेन जी, झारखंड के उन कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे जिन्होंने जीवन भर समाज के कमजोर वर्गों, विशेषकर आदिवासी समुदाय के अधिकारों और सशक्तिकरण के लिए संघर्ष किया। वे हमेशा जमीन और जनता से जुड़े रहे। मेरा उनसे पुराना परिचय था। उनके निधन से मुझे गहरा दुःख पहुंचा है। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति!'
कई मामलों में वे अदालत से बरी भी हुए
शिबू सोरेन तीन बार (2005, 2008 और 2009) झारखंड के मुख्यमंत्री बने। उनके कार्यकाल के दौरान आदिवासी कल्याण योजनाओं और विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का प्रयास किया गया, हालांकि राजनीतिक अस्थिरता के कारण ये कार्यकाल लंबे समय तक नहीं चल सके। उनके राजनीतिक जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए। भ्रष्टाचार और हत्या जैसे गंभीर आरोप भी लगे, हालांकि कई मामलों में वे अदालत से बरी भी हुए। इसके बावजूद वे झारखंड की राजनीति में एक मजबूत जननेता के रूप में पहचाने जाते हैं। शिबू सोरेन, जिन्हें लोग स्नेहपूर्वक "गुरुजी" कहते हैं, ने अपना पूरा जीवन आदिवासी अस्मिता और अधिकारों की लड़ाई को समर्पित कर दिया। उनका जन्म 11 जनवरी 1944 को तत्कालीन बिहार (अब झारखंड) के बोकारो जिले के नेमरा गांव में हुआ।