Uttarakhand Cloudburst: उत्तरकाशी के सिलाई बैंड में शनिवार देर रात करीब एक बजे बादल फटने से टिन और प्लाई से बने टेंटों में पानी घुस गया। जब जमीन पर सो रहे मजदूरों को पानी से ठंड का अहसास हुआ तो वह उठकर भागने लगे, लेकिन शरीर पर पानी लगने के बावजूद कुछ मजदूरों की नींद नहीं टूटी इससे पहले कि जाग चुके मजदूर अपने साथियों को उठाते, मलबा उन्हें अपने साथ बहा ले गया। इस बीच दूसरे टैंट में रह रहे मजदूरों ने दरवाजा खोलने की कोशिश की। वह नहीं खुला तो उन्होंने प्लाई तोड़कर बाहर भागकर अपनी जान बचाई।
मजदूरों ने बताई आपबीती
घटनास्थल से भागकर अपनी जान बचाने वाले 20 मजदूरों में शामिल नेपाल के हरिकृष्ण चौधरी ने बताया कि क्षेत्र में बहुत तेज बारिश हो रही थी। वह रोज की तरह चार से छह की संख्या में कुछ-कुछ दूरी पर बनाए गए अपने टेंटों में सो रहे थे। अचानक कमरे में पानी घुसा, वहां पर कुछ लोग जमीन पर सो रहे थे। शरीर पर पानी लगने से जब ठंड महसूस हुई, तो वह उठ गए, तब तक पानी के साथ मलबा बहकर आने लगा, वह लोग बाहर भागे और अपने साथियों को आवाज देकर जगाने की कोशिश की।
आवाजाही पर भी रोक
मानसून सीजन के दौरान जनपद के गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे सहित राज्य मार्ग और संपर्क मार्गों पर भूस्खलन की घटनाएं देखने को मिलती है। वहीं दूसरी ओार इन दिनों जनपद में चार धाम यात्रा भी संचालित की जा रही है। इसको देखते हुए जिला आपदा प्रबंधन विभाग की ओर निर्देश जारी किए गए हैं कि रात्री में सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध रहेगा। जनपद में पुलिस के 6 बैरियर हैं। इसलिए यह आदेश जारी किया गया है। हालांकि इस दौरान आपातकालीन वाहनों सहित सैन्य और अद्धैसैनिक बलों के वाहनों को आवाजाही की अनुमति होगी। आपदा प्रबंधन विभाग के जारी निर्देश के अनुसार इस दौरान स्थानीय वाहनों को भी आवाजाही की अनुमति नहीं होगी।