गुलमर्ग की बर्फ़ीली वादियों से चौंका देने वाले वीडियो और फोटोज सामने आये है। जिसमें हिमालय की 14000 फीट ऊंची चोटी पर -10 डिग्री तापमान में जवान बर्फ़ से नहा कर अपनी फिटनेस का नजारा दिखा रहे हैं। जब कड़ाके की ठंड में लोग नहाने से भी कांपते हैं, ऐसे में खून जमा देने वाली ठंड में बर्फ के बीच सिक्स सिग्मा टीम का यह वीडियो टीम के जज्बे और उनके हौसलों को दर्शाता है। इस वीडियो पर सिक्स सिग्मा के सीईओ डॉ प्रदीप भारद्वाज ने कहा कि याद रहे तप, ज्ञान, कर्म और संकल्प के बल पर मनुष्य असीम क्षमता प्राप्त कर सकता है। मुश्किल हालातों में भी जीत का जज्बा कैसे कायम रखा जाता है, ये सिक्स सिग्मा के वीरों से सीखा जा सकता है।
यह वीडियो इस बात का अहसास कराता है कि हमारे देश के जवान किसी भी हालात में अपने आप को फिट किस तरह रखते हैं। सीईओ डॉ भारद्वाज के साहस को देखकर सोशल मीडिया पर लोगों ने उनके हौसले को सलाम कर रहे हैं। वहीं इस पर डॉ अनीता भारद्वाज, मेडिकल चीफ ने कहा कि, सिक्स सिग्मा के वीर-वीरांगनाओं ने देश के प्रति असाधारण साहस, बहादुरी, जुनून, समर्पित सेवा भाव और प्रतिबद्धता प्रदर्शित की। हिमालय की ऊंची चोटियों पर निस्वार्थ रूप से किसी भी वर्ग, पंथ,नेता, धर्म या जाति इत्यादि की परवाह किए बिना उच्च शिखरों पर जोखिमों भरी स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं।
कौन हैं सिक्स सिग्मा माउंटेन वॉरीअर
सिक्स सिग्मा देश की हाई ऐल्टिटूड मेडिकल फोर्स है। सिक्स सिग्मा के जवान अपनी कड़ी ट्रेनिंग, मेडिकल रेस्क्यू और व्यावसायिक दक्षता के लिए जाने जाते हैं। वह हर चुनौती का मुकाबला करे के लिए हर वक्त तैयार रहते हैं। ये देश की हिमालय की गोद में बर्फ से ढके इलाकों पर रहकर देश की मेडिकल सेवा करते है। बता दें कि सिक्स सिग्मा सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी कई बड़े आपदा ऑपरेशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुका है। सिक्स सिग्मा हिमालय क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं व माउंटेन मेडिसिन के लिए 'फर्स्ट रेस्पॉन्डर' के रूप में राहत व बचाव अभियान चलाता है।
इसकी ट्रेनिंग तड़के 3 बजे उठकर माइनस तापमान में यमुना पार करना, दौड़ व योगा से दिन की शुरुआत होती है। सीधी चट्टान पर चढ़ना, उफनती नदी को पार करना, रैप्लिंग, बर्फ और उसको हटाने की तकनीक, हाई ऑल्टीट्यूड में जाने के लिए सुरक्षा तैयारियां, कैम्पिंग, ऊंचाई पर रस्सी के साथ कसरत, पर्वतारोहण, विभिन्न प्रकार की गांठ बांधना और चट्टानों व दीवारों पर चढ़ना, बर्फीले स्थानों पर चढ़ना, निजी अभ्यास, बर्फीले तूफान, बर्फीली जगहों पर चढ़ना एवं उतरना, बर्फीली दीवारों पर रस्सी के सहारे चढ़ना-उतरना, नकली श्वांस देना और ऊंचाइयों पर चढ़ाई करने जैसी कठिन ट्रेनिंग दी जाती है।
इस ट्रेनिंग के बाद जवानों को भगवान शिव की यात्राओं में मेडिकल सर्विस के लिए भेजा जाता है। वहां वे यात्रा में जाने वाले लोगों की मदद करते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि सिक्स सिग्मा भारत की पहली ऐसी प्राइवेट संस्था है जिसके वॉलंटियर्स ने आईटीबीपी सहित भारतीय सेना, एयरफोर्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ और एनडीआरएफ से प्रशिक्षण लिया है।