प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात के 73वें एपिसोड के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 'दिल्ली में 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख देश बहुत दुखी हुआ। हमें आने वाले समय को नई आशा और नवीनता से भरना है। हमने पिछले साल असाधारण संयम और साहस का परिचय दिया था। इस साल भी हमें कड़ी मेहनत करके अपने संकल्पों को सिद्ध करना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस साल की शुरुआत के साथ ही कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई को भी करीब-करीब एक साल पूरा हो गया है। जैसे कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई एक उदाहरण बनी है, वैसे ही अब हमारा वैक्सीनेशन अभियान भी दुनिया में एक मिसाल बन रहा है। भारत में सिर्फ 15 दिनों में 30 लाख से ज़्यादा कोरोना वॉरियर का टीकाकरण कर चुका है। जबकि अमेरिका जैसे समृद्ध देश को इस काम में 18 दिन लगे थे और ब्रिटेन को 36 दिन। कोरोना संकट के समय में भारत केवल इसलिए दुनिया की सेवा कर पा रहा हैं, क्योंकि भारत आज दवाओं और वैक्सीन को लेकर आत्मनिर्भर है।
उन्होनें कहा कि मैं 'मन की बात' करता हूं तो ऐसा लगता है, जैसे आपके बीच आपके परिवार के सदस्य के रूप में उपस्थित हूं। 2021 की जनवरी का आखिरी दिन है। आप भी मेरी तरह सोच रहे हैं कि पूरा महीना बीत गया। समय की गति यही तो है। इसी दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने नारी शक्ति को भी सलाम किया। उन्होंने कहा, 'हर क्षेत्र में देश की महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। उन्होंने अमेरिका से सेन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु के लिए नॉन स्टॉप फ्लाइट की कमान भारतीय महिला पायलटों द्वारा संभाले जाने और 26 जनवरी की परेड में भारतीय वायुसेना की दो महिला अधिकारियों द्वारा इतिहास रचने का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रहे लोगों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, हैदराबाद के बोयिनपल्ली में एक स्थानीय सब्जी मंडी, किस तरह अपने दायित्व को निभा रही है, ये पढ़कर भी मुझे बहुत अच्छा लगा। सब्जी मंडियों में अनेक वजहों से काफी सब्जी खराब हो जाती है, लेकिन बोयिनपल्ली की सब्जी मंडी में बेकार बची सब्जियों से बिजली बनती है। ऐसा ही प्रयास हरियाणा के बड़ौद में किया गया। ग्राम पंचायतों ने पूरे गांव से आने वाले गंदे पानी को फिल्टर करना शुरू किया और इसका इस्तेमाल खेतों में सिंचाई के लिए किया जा रहा है। पर्यावरण की रक्षा से कैसे आमदनी के रास्ते भी खुलते हैं, इसका एक उदाहरण अरुणाचल प्रदेश के तवांग में देखने को मिला। इस पहाड़ी इलाके में सदियों से मोन शुगु नाम का एक पेपर बनाया जाता है। इसके लिए पेड़ों को नहीं काटना पड़ता है।' उन्होंने कहा, खेती को आधुनिक बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और अनेक कदम उठा भी रही है। सरकार के प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।
भारत अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव शुरू करने जा रहा है। उन्होंने कहा, 'मुंगेर के जयराम जी ने मुझे शहीद दिवस के बारे में लिखा। 15 फरवरी 1932 को अंग्रेजों ने वीरों की टोली ही हत्या कर दी थी। उनका अपराध था कि वो वंदेमातरम और भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। मैं जयरामजी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि वो ऐसी घटना को देश के सामने लाए।