Economic Times Global Business Summit:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में इकोनॉमिक टाइम्स ग्लोबल बिजनेस समिट को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने मध्यप्रदेश से सिर्फ बड़वानी जिले का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन साल पहले जब वे ईटी ग्लोबल बिजनेस समिट में आए थे, तब से अब तक बहुत बदलाव हो चुका है। उन्होंने स्मरण करते हुए कहा कि पिछली समिट के तीन दिन बाद ही विश्व स्वास्थ्य संगठन कोविड को महामारी घोषित कर दिया था और फिर पूरी दुनिया तथा भारत में तेजी से भारी बदलाव आने लगे थे। इसी में उन्होंने मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के भी बारे में बताया।
क्यों किया प्रधानमंत्री ने बड़वानी का जिक्र, पूरा पढें
दरअसल, स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में देश के 112 आकांक्षी जिलो में किए गए श्रेष्ठ कार्यों के आधार पर उनकी प्रस्तुतिकरण के लिए देश से सिर्फ 12 जिलों का चयन किया गया था। इसमें मध्यप्रदेश से एकमात्र बड़वानी जिले को प्रस्तुतिकरण का अवसर मिला था। नई दिल्ली में सिविल सेवा अधिकारी संस्थान में प्रधानमंत्री अवार्ड के लिए प्रस्तुतिकरण का कार्यक्रम हुआ। इसमें पूर्व बड़वानी कलेक्टर शिवराजसिंह वर्मा ने नई दिल्ली में जिले में किए गए कार्यों को प्रस्तुत किया। मप्र के 8 आकांक्षी जिलो में किए गए श्रेष्ठ कार्यों के आधार पर प्रधानमंत्री अवार्ड के किए गए कार्यों का प्रस्तुतिकरण का मौका बड़वानी जिले को मिला है। कलेक्टर वर्मा ने नई दिल्ली के सिविल सेवा अधिकारी संस्थान पहुंचकर जिले में स्वास्थ्य व पोषण के क्षेत्र में किए गए कार्यों को प्रस्तुत किया।
8 जिलों में सिर्फ बड़वानी को मिला पीएम अवार्ड के प्रस्तुतिकरण का मौका
कलेक्टर ने बताया जिले में नवाचार करते हुए मिशन उम्मीद अभियान चलाने की जानकारी दी। इसमें संस्थागत प्रसव को बढ़ाने के लिए किए गए कार्य बताए गए। इसके साथ कुपोषण को लेकर चलाए गए बाल शक्ति अभियान के कार्य बताए। लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए चलाए गए पहुंच अभियान की जानकारी दी। पूरे देश से 12 जिलों के कलेक्टरों ने कार्यों का प्रस्तुतिकरण किया । श्रेष्ठ कार्य के आधार पर दो जिलों को अंक देकर प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर प्रधानमंत्री अवार्ड देकर सम्मानित किया जाएगा। कलेक्टर वर्मा ने पीएम अवार्ड के प्रस्तुतिकरण का मौका प्रदेश के 8 जिलों में सिर्फ बड़वानी को मिलने का श्रेय मैदानी अमला आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता व एएनएम सहित विभागीय अधिकारी व कर्मचारियों को दिया है।
आकांक्षी जिलों का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने 2014 में 100 से अधिक देश मे पिछड़े जिले थे। “अपने पिछड़ेपन की इस अवधारणा को नई सोच दी और इन जिलों को आकांक्षी जिलों में बदल दिया।” मध्यप्रदेश के आकांक्षी जिले बड़वानी में हर तरह के टीके लगे। बच्चों की संख्या 40 प्रतिशत से बढ़कर 90 प्रतिशत हो गई है। “ऐसे कई मानदंड हैं, जिनके अनुसार आकांक्षी जिलों का दायरा पूरे देश के औसत से बेहतर होता जा रहा है।
देश के टॉप-10 जिलों में शामिल होने पर मिला था 5 करोड़ रु का अवार्ड
पूर्व कलेक्टर वर्मा ने बताया आकांक्षी जिलो में मप्र का बड़वानी जिला दो साल पहले टॉप-10 जिलों में शामिल हुआ था। यहां पर सेवाएं बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से बड़वानी को 5 करोड़ रुपए का अवार्ड मिला था। उससे स्वास्थ्य व पोषण के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव किए गए। इससे संस्थागत प्रसव को बढ़ाने व कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाने के कार्य किए गए। इसके चलते प्रदेश में सबसे ज्यादा संस्थागत प्रसव भी बड़वानी जिले में करवाने की उपलब्धि हासिल की थी। आगे भी मैदानी अमले के साथ जिले में मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं।