समाप्त हो रहे वर्ष 2020 में कोविड-19 महामारी और दुनियाभर के देशों में लॉकडाउन से विमानन क्षेत्र को लोगों के आने-जाने पर 2020 में लंबे समय तक पाबंदी का बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। घरेलू विमानन कंपनियां, हवाईअड्डा कंपनियां भी इससे अछूती ना रहीं। लॉकडाउन में एयरलाइंस कंपनियों का कारोबार करीब-करीब पूरी तरह ठप हो गया और कमाई बंद हो गई। ऐसे में उन्हें बहुत से कर्मचारियों को काम से निकालना पड़ा, कुछ को बिना वेतन की छुट्टियों पर भेजना पड़ा तो कई लोगों का वेतन भी कम हुआ।
वही, सरकारी कंपनी एअर इंडिया को बेचने के लिए जारी निविदा में बोलियां जमा कराने की आखिरी तारीख कोविड-19 से पैदा हालात के बीच पांच बार बढ़ानी पड़ी। बता दें कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते देश में सभी नियमित उड़ाने 23 मार्च से 25 मई तक बंद रहीं। बाद में सीमित क्षमता के साथ 25 मई से उड़ानों को धीरे-धीरे शुरू किया गया। यही नहीं नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ाने अभी भी निलंबित हैं। वही, हाल में ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया प्रकार सामने आने पर सबसे पहले वहां से आने वाली उड़ानों को ही अस्थाई तौर पर निलंबित किया गया है।
जानिए कोविड-19 के चलते किस विमानन कंपनी को हुआ कितना नुकसान
इस बीच कोविड-19 के चलते देश की दो सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो और स्पाइसजेट को वित्त वर्ष 2020-21 की पहली और दूसरी तिमाही में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा। अप्रैल-जून तिमाही में इंडिगो को 2,884 करोड़ रुपये और स्पाइसजेट को 600 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। जुलाई-सितंबर तिमाही में यह क्रमश: 1,194 करोड़ रुपये और 112 करोड़ रुपये रहा।