सरकार ने तीन प्रमुख दालें (अहरर, मूंग व उड़द) के शुल्क मुक्त आयात की मंजूरी दे दी है। मांग व आपूर्ति में बढ़ रहे अंतर और महंगी होती दालों को देख सरकार ने यह फैसला लिया है। इसके साथ ही दालों के आयात का यह फैसला तीन सालों के बाद लिया गया है। कोरोना संक्रमण के बीच प्रोटीन के सबसे सस्ते स्रोत दालों की मांग बढ़ी है। इनकी आपूर्ति बढ़ाने को लेकर केंद्रीय उपभेक्ता मामले मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों व केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर दालों के व्यापारी, मिल मालिकों और आयातकों का स्टॉक घोषित करने का निर्देश दिया है। राज्य एजेंसियों को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत दालों के स्टॉक की जांच करने को कहा गया है ताकि कालाबाजारी और जमाखोरी को रोका जा सके। दालों की आपूर्ति घटने और कीमतों में अचानक आई उछाल को लेकर सरकार ने यह फैसला लिया है।
इंडियन पल्स एंड ग्रेन्स ट्रेडर्स एसोसिएशन के अनुसार इससे बाजार में उपभोक्ताओं को रियायती व उचित दर पर दालें मिलेंगी। एसोसिएशन को उम्मीद है कि फौरी तौर पर 2.5 लाख टन अरहर, 1.5 लाख टन मूंग और 50-75 हजार टन उड़द आयात का अऩुमान है। दलहनी फसलों की पैदावार को लेकर सचिवों की अंतर मंत्रालयी बैठक में मतभेद था। इसके साथ ही पैदावार के ताजा अनुमान को लेकर संदेह व्यक्त किया जा रहा था। दालों का सरकारी बफर स्टॉक न्यूनतम स्तर 12 लाख टन पर आ गया है। इसमें अरहर का स्टॉक 3.35 लाख टन है, जिसमें चालू खरीद सीजन की अरहर दाल नहीं है। अधिकतम बफर स्टॉक 40 लाख टन तक रह चुका है।