गिद्ध एक ऐसा पक्षी है, जो अपनी गजब की उड़ान और ताकत के लिए मशहूर है। ये पक्षी माउंट एवरेस्ट (8,848 मीटर) से भी ऊंचा उड़ने की क्षमता रखता है। इसके साथ ही यह पर्यावरण को साफ रखने में भी बड़ा रोल निभाता है।
2 जून 2025 को, पटना से रांची जा रही इंडिगो की फ्लाइट की 4000 फीट पर एक गिद्ध से टक्कर हो गई, जिसके चलते विमान को रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। इस घटना ने गिद्ध की ताकत और विमानन सुरक्षा को लेकर चर्चा छेड़ दी है।
काफी ऊंचा उड़ सकते हैं गिद्ध
गिद्ध, खासकर एंडियन गिद्ध और हिमालयी गिद्ध, अपनी उड़ान की गजब ऊंचाई के लिए जाने जाते हैं। ये पक्षी 10,000 मीटर (करीब 33,000 फीट) से भी ऊपर उड़ सकते हैं, जो माउंट एवरेस्ट से कहीं ज्यादा है।
दरअसल गिद्ध के पंख लंबे और चौड़े होते हैं, जो 3 मीटर तक फैल सकते हैं। ये पंख उन्हें गर्म हवाओं, यानी थर्मल एयर का इस्तेमाल करने में मदद करते हैं। सूरज की गर्मी से बनी ये हवाएं गिद्ध को बिना पंख फड़फड़ाए हवा में उड़ने देती हैं। इस तरह वो कम एनर्जी में लंबी दूरी और ऊंचाई तय कर लेते हैं।
उनका सांस लेने का सिस्टम भी कमाल का होता है। गिद्ध के फेफड़े और खून में ऑक्सीजन ले जाने की ताकत ऐसी है कि वो कम ऑक्सीजन वाली ऊंचाई पर भी आसानी से उड़ सकते हैं। यही वजह है कि वो ऐसी जगहों पर पहुंच जाते हैं, जहां बाकी जीव मुश्किल से टिक पाते हैं।
गिद्ध की उड़ान की ताकत का एक और पहलू उनकी सहनशक्ति भी है। ये घंटों बिना रुके उड़ सकते हैं। चाहे हिमालय की ऊंची चोटियां हों या मैदानी इलाके, गिद्ध हर जगह भोजन की तलाश में निकल पड़ते हैं। उनकी ये खूबी उन्हें प्रकृति का एक शानदार शिकारी और सफाईकर्मी बनाती है।