उत्तर प्रदेश पुलिस अपनी कार्यशैली के लिए भले ही पीठ थपथपाती नजर आ रही हो, लेकिन कानपुर देहात से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। ये ताजा मामला कानपूर (Kanpur) देहात से सामने आया है। जहां जिला अस्पताल में एक कर्मचारी को उसके मासूम बच्चे के सामने पुलिस ने इस कदर लाठियों से पीटा जैसे वह कोई भूसे का बोरा हो।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें में पुलिसकर्मी एक शख्स की बेरहमी से पिटाई कर रहा है। युवक की गोद में एक बच्चा जोर-जोर से रो रहा है। दरअसल, कानपुर देहात के जिला अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के लोग अपनी कुछ मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे और अपनी मांगों को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों से लगातार चर्चा कर रहे थे।
लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों की माने तो उनकी किसी भी मांग को आला अधिकारी नहीं मान रहे हैं। जिसके चलते ये लोग आज अपनी मांगों को लेकर जिला अस्पताल परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए और अपना काम पूरी तरह से बंद कर दिया। इससे ओपीडी का काम करीब 1 घंटे तक बाधित रहा और मरीजों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
जिला अस्पताल में धरना दे रहे 12 लोगों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की सीएमएस वंदना सिंह, जिलाधिकारी व पुलिस अधिकारी को सूचित कर धरने को खत्म कराने के लिए मदद मांगी। अकबरपुर कोतवाल की गाड़ी जब जिला अस्पताल परिसर में पहुंची तो वहां पुलिस (Police) का तांडव शुरू हो गया। इस दौरान पुलिसकर्मियों और धरने पर बैठे लोगों के बीच हाथापाई भी हो गई।
आरोप है कि धरना का नेतृत्व कर रहे कर्मचारी रजनीश शुक्ला ने अकबरपुर कोतवाल वीके मिश्रा का अंगूठा चबा लिया। जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया। वही इस वीडियो को अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर करते हुए कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने योगी सरकार और यूपी पुलिस पर निशाना साधा है।
उन्होंने लिखा, "योगी जी, यह मासूम चीख आपको कैसे सोने दे रही है?" साथ ही इस वीडियो को लेकर जब बवाल बढ़ा तो यूपी पुलिस ने सफाई देते हुए कहा, ''कानपुर देहात जिले में एक बच्चे को ले जा रहे एक व्यक्ति पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की घटना को बेहद गंभीरता से लेते हुए एडीजी जोन कानपुर जांच करे। इस मामले में तुरंत दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। वही लाठीचार्ज करने वाले एसएचओ को सस्पेंड कर दिया गया है।