टाटा (Tata) के स्वामित्व वाली एयर इंडिया (Air India) ने किफायती विमानन सेवा एयरएशिया इंडिया (Airasia India) के अधिग्रहण का प्रस्ताव रखा है और इस प्रस्तावित सौदे के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से मंजूरी की मांग की है।
आपको बता दें कि एक निश्चित सीमा से ज्यादा हिस्सेदारी के सौदों के लिए सीसीआई की मंजूरी बहुत जरूरी होती है। प्रस्तावित संयोजन से प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में किसी भी प्रकार का कोई भी बदलाव नहीं होगा और न ही भारत में प्रतिस्पर्धा पर कोई उल्लेखनीय प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
वर्तमान में 80 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी
एयरएशिया इंडिया में वर्तमान में 83.67 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (Tata Sons Private Limited) के पास है और बाकी हिस्सेदारी एयरएशिया इंवेस्टमेंट लिमिटेड (AirAsia Investment Limited) के पास है, जो मलेशिया के एयरएशिया समूह का एक भाग है।
एयर इंडिया का अधिग्रहण
पिछले साल एयर इंडिया (Air India) और इसकी सहायक इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) को टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड (Tales Private Limited) ने अधिग्रहित किया था। वहीं अब टाटा की एयरलाइन एयर इंडिया (Airline Air India) ने एयर एशिया की पूरी हिस्सेदारी खरीदने का दांव लगाया है। इसके अलावा टाटा सिंगापुर एयरलाइंस (Singapore Airlines) के साथ एक पूर्ण विमानन सेवा विस्तार का संयुक्त उद्यम में संचालन भी करती है।
ऐसे अगर एयरएशिया इंडिया की बात की जाए तो बता दें कि एयरलाइन ने जून 2014 में उड़ान भरना शुरू किया था। ये कंपनी देश में अनुसूचित हवाई यात्री परिवहन, एयर कार्गो परिवहन और चार्टर उड़ान सेवाएं (charter flight services) मुहैया कराती है। ये कंपनी किसी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान का संचालन बिल्कुल नहीं करती है।
बता दें कि हाल ही में कोरोना महामारी (Coronavirus) के चलते देश में एयर इंडिया की हांगकांग (Hong Kong) के लिए उड़ानों पर 24 अप्रैल तक रोक लगा दी गई थी। इस पर एक अधिकारी ने बताया था कि यह फैसला एक उड़ान में तीन यात्रियों के कोरोना संक्रमित मिलने के बाद लिया गया था।