भारत में कोरोना वायरस के मामलों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में इस वायरस से संक्रमित केस बढ़कर 20,471 हो गए है जबकि इसके चलते 652 लोगों की जान जा चुकी है। इस बीच सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हमलों को लेकर बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाते हुए ऐसे अपराधों को गैर-जमानती बनाने के साथ ही अधिकतम 7 साल की जेल और 5 लाख रुपये का जुर्माना प्रस्तावित किया।
आपको बता दें कि इस महामारी के बीच देश के कई राज्यों से कोरोना की जांच करने जा रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर पथराव और डंडे मारने जैसी घटनाए सामने आ रही थी जिसके बाद केंद्र द्वारा ये कदम उठाया गया।
दरअसल, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को कैबिनेट की एक बैठक के बाद कहा,'उन डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल कर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाकर की जाने वाली हिंसा को हमारी सरकार बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करती जो इस महामारी से लड़ने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।'
इसके अलावा कैबिनेट बैठक में 'इंडिया कोविड-19 इमर्जेंसी रिस्पॉन्स एंड हेल्थ सिस्टम प्रिपेयर्डनेंस पैकेज' के लिए 15 हजार करोड़ रुपये मंजूर किए गए जिसका इस्तेमाल महामारी को रोकने के लिए तत्काल प्रतिक्रिया के तौर पर निर्दिष्ट उपचार इकाइयां और प्रयोगशालाएं स्थापित करने में किया जाएगा। इस निधि का उपयोग तीन चरणों में किया जाएगा। साथ ही, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को कोविड-19 से मुकाबले में शामिल स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय अपनाने की सलाह दी।
राष्ट्रपति कोविंद ने अध्यादेश को दी मंजूरी
वही, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोविड-19 से लड़ रहे स्वास्थ्यकर्मियों पर हिंसा के कृत्यों को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध बनाने वाले अध्यादेश को अपनी मंजूरी दे दी है। महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन करने वाला इस अध्यादेश में स्वास्थ्यकर्मियों को पहुंचे जख्म तथा संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या उसे नष्ट करने के लिए मुआवजे की व्यवस्था की गई है। दरअसल, स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि राष्ट्रपति ने इस अध्यादेश की उद्घोषणा के लिए अपनी मंजूरी दे दी।
ऐसे और इतनी मिलेगी सजा
अध्यादेश के अनुसार, हिंसक कृत्य करने या उसमें सहयोग करने पर तीन महीने से पांच साल तक कैद और 50 हजार से लेकर दो लाख रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। गंभीर चोट/जख्म पहुंचाने पर दोषी को छह माह से लेकर सात साल तक कैद की सजा होगी और एक लाख से लेकर पांच लाख रूपये तक उस पर जुर्माना लगेगा।
इसके अलावा अपराधी को पीड़ित को मुआवजा भरना होगा तथा उसे संपत्ति को पहुंचे नुकसान के लिए उसके बाजार मूल्य का दोगुणा का भुगतान करना होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महामारी के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों तथा संपत्ति की रक्षा के लिए महामारी रोग (संशोधन) अध्यादेश 2020 की उद्घोषणा को मंजूरी दे दी है।