Ram Navami 2023: नवरात्रि के आखरी दिन नवमी पड़ती है जिसे रामनवमी भी कहते हैं। मान्यता है कि रामनवमी के दिन प्रभु श्रीराम का जन्म हुआ था। इसलिए देशभर में राम जन्मोत्सव की धूम रहती है। रामनवमी के अवसर पर देशभर में भव्य आयोजन और जुलूस निकालें जाते हैं और भगवान राम के बाल अवतार की पूजा की जाती है। इस शुभ अवसर पर चलिए जानते हैं प्रभु श्रीराम से जुड़े कुछ रोचक तथ्य़ों के बारे में...
- भगवान राम को भगवान विष्णु के दशावतारों में 7वां अवतार माना गया है।
- ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम का नाम लेने मात्र से ही आत्मिक शांति की अनुभूति होने लगती है। राम जी का तीन बार नाम लेना हजारों देवताओं के नाम जपने के बराबर माना जाता है।
-भगवान राम का जन्म इक्ष्वाकु वंश में हुआ था. इसकी स्थापना भगवान सूर्य पुत्र राजा इक्ष्वाकु द्वारा की गई थी। इसलिए भगवान राम को सूर्य का वंशज या सूर्यवंशी भी कहा जाता है।
-श्रीराम की दो बहनें भी थी एक शांता और दूसरी कुकबी। दक्षिण भारत की रामायण के अनुसार श्रीराम की बहन का नाम शांता था, जो चारों भाइयों से बड़ी थीं।
-प्रभु श्रीराम ने 12 वर्षों के वनवास में 10 वर्ष आदिवासियों के बीच रहे थे। उन्होंने वनवासी और आदिवासियों के अलावा निषाद, वानर, मतंग और रीछ समाज के लोगों को भी धर्म, कर्म और वेदों की शिक्षा दी थी।
-महाकाव्य् 'रामायण' के अनुसार भगवान श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई करने से पहले यहां भगवान शिव की पूजा की थी। रामेश्वरम का शिवलिंग श्रीराम द्वारा स्थापित शिवलिंग है।
-लंका विजय के लिए बनाए गए रामसेतु की कुल लंबाई 30 किलोमीटर थी। यह सेतु वानर सेना ने 6 दिनों में बना दिया था।
-प्रभु श्रीराम ने नल और नील के माध्यम से विश्व का पहला सेतु बनवाया था और वह भी समुद्र के ऊपर है। आज उसे रामसेतु कहते हैं जबाकि राम ने इस सेतु का नाम नल सेतु रखा था।
-राम के काल में नदी में नाव और पोत चलते थे। इसी काल में कुछ लोगों के पास विमान भी होते थे जिसमें 4 से 6 लोग बैठकर यात्रा कर सकते थे।
-राम के काल में सभी लोग बहुत ही नैतिक और सभ्य थे। सभी मर्यादा में रहकर जीवन यापन करते थे। अधिकतर लोगों को वेद का ज्ञान था।
-सरयू नदी में श्रीराम ने जल समाधि ले ली थी। अश्विन पूर्णिमा के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने अयोध्या से सटे फैजाबाद शहर के सरयू किनारे जल समाधि लेकर महाप्रयाण किया।