सावन मास का प्रत्येक दिन खास होता है। सावन मास में कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या के रुप में जाना जाता है। श्रावण अमावस्या के दिन नदी स्नान और दान-पुण्श् का बड़ा महत्व होता है। अमावस्या के दिन पितरों को खुश करने के लिए पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और रविपुष्य योग बनने से इसका महत्व कहीं अधिक होगा।
सावन हरियाली अमावस्या मुहूर्त 2021
अमावस्या तिथि प्रारंभ - 07 अगस्त शाम 07:11 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त - 08 अगस्त शाम 07:19 बजे
हरियाली अमावस्या पूजा विधि
हरियाली अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर सूर्यदेव को जल का अर्घ्य दें और फिर पितरों के निमित तर्पण करें। इस दिन पितरों की आत्मशांति के लिए दान, पूजा पाठ, ब्राह्मणों को भोजन आदि कराना चाहिए। संभव हो तो श्रावणी अमावस्या का उपवास करें। इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा और परिक्रमा करने का विधान है। सावन अमावस्या पर शिवलिंग पर जल चढ़ाकर बिल्वपत्र और धतूरा अर्पित करें और साथ ही भगवान शिव को चंदन से तिलक कर मीठे का भोग लगाएं। हरियाली अमावस्या के दिन आम, आंवला, पीपल बरगद और नीम के पौधे लगाना शुभ होता है।