केन्द्र सरकार (Central Govt) जल्द से जल्द विनिवेश के लक्ष्य (disinvestment target) को पूरा करने की तैयारी में जुटी हुई है। सरकार चालू वित्त वर्ष में एक और सरकारी कंपनी से अपनी हिस्सेदारी को बेच सकती है। दरअसल, केंद्रीय मंत्रिमंडल जल्द ही भारतीय रेलवे (Indian Railway) के लैंड लाइसेंस शुल्क (Land license fee) को कम कर सकती है। खबर के अनुसार, सरकार इसे 6 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी करने के वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) के प्रस्ताव पर विचार कर सकता है। सूत्रों की मानें तो इस कदम से राज्य द्वारा संचालित कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड यानी कॉनकोर (Concor) के प्राइवेटाइजेशन (privatization) की सुविधा में काफी मदद मिलेगी।
इस महीने के अंत तक मिल सकती है मंजूरी
रेल मंत्रालय ने 2021 में लैंड लीज पॉलिसी पर एक ड्राफ्ट नोट नोटिफाई किया था, जिसमें भूमि लाइसेंस शुल्क में करीब 2 प्रतिशत की कमी का सुझाव दिया गया था। सूत्रों के अनुसार, "वित्त मंत्रालय ने बीते साल इसे मंजूरी दी थी। अब इस महीने के आखिर में कैबिनेट की मंजूरी की उम्मीद जताई जा रही है।"
बता दें कि अप्रैल 2020 में रेलवे ने भूमि लाइसेंस शुल्क व्यवस्था को अपनी भूमि के औद्योगिक उपयोग के लिए अधिसूचित किया था और इसे कॉनकोर तक बढ़ाया था। तब तक, कॉनकोर ट्रांसपोर्टर को प्रति-कंटेनर के आधार पर भूमि पट्टे के किराये का भुगतान किया जा रहा था, जिसमें कम खर्चा होता था। जानकारी के लिए बता दें कि लाइसेंस शुल्क राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर के स्वामित्व वाली भूमि के उपयोग के लिए भारतीय रेलवे द्वारा लगाया जाने वाला सालाना शुल्क है।
30.8 फीसदी हिस्सेदारी के विनिवेश को मिली मंजूरी
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नवंबर 2019 में प्रबंधन नियंत्रण के हस्तांतरण के साथ-साथ कंपनी में सरकार की 30.8 प्रतिशत हिस्सेदारी के विनिवेश को मंजूरी भी दी थी। इसके बाद, 2020 में नई भूमि लाइसेंसिंग शुल्क नीति ने कॉनकोर की लागतें बढ़ानी शुरू कर दीं और निवेशकों के अधिग्रहण के लिए एक प्रतिकूल माहौल का बनाया।