Himachal News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि 70 साल से अधिक उम्र के पेंशनरों का अगले 40 दिनों के भीतर पूरा एरियर दिया जाएगा। साथ ही अगले तीन-चार महीने के भीतर पेंशनरों के साथ सरकार बैठक करेगी। सीएम ने कहा कि 1 जनवरी 2016 से लंबित एरियर को लेकर भी सरकार बजट से पहले विचार करेगी। कोई भी चीज पेंशनरों से बातचीत के बाद की जाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू बुधवार को बिलासपुर के घुमारवीं में हिमाचल प्रदेश पेंशनर संयुक्त फ्रंट की ओर से पेंशनर्स दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोले रहे थे। सीएम ने कहा कि 2027 तक पूरा एरियर देने की कोशिश करेंगे। 2026-27 में भी कुछ राशि जारी करने की कोशिश होगी। संशोधित ग्रेच्युटी व लीव इनकैशमेंट का भी भुगतान किया जाएगा।
CM सुक्खू ने घुमारवीं में किए 69 करोड़ के शिलान्यास-उद्घाटन
इससे पहले मुख्यमंत्री सुक्खू ने घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र के एक दिवसीय दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने लगभग 69 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न विकास कार्यों के उद्घाटन और शिलान्यास किए। उनका आगमन बिलासपुर स्थित एम्स हेलीपैड पर हुआ, जहां से वे सड़क मार्ग से घुमारवीं पहुंचे। मुख्यमंत्री ने घुमारवीं के टिकरी वार्ड में बहुउद्देशीय खेल परिसर की आधारशिला रखी। मुख्यमंत्री ने पुलिस थाना घुमारवीं के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया तथा पुलिस कर्मचारियों के लिए प्रस्तावित स्टाफ क्वार्टर का शिलान्यास भी किया। इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी और खेल एवं आयुष मंत्री विशेष रूप से उपस्थित रहे। जानकारी के अनुसार करीब पांच करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नया पुलिस थाना भवन आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है।
सीएम सुक्खू ने कहा?
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पुलिस प्रशासन की कार्यक्षमता बढ़ेगी और क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने सीरखड्ड पुल से घुमारवीं–बरठीं–शाहतलाई सड़क के नवीनीकरण कार्य का शिलान्यास किया। साथ ही सीरखड्ड में वर्षा जल संग्रहण योजना का उद्घाटन किया गया। बाड़ी मझेडवां में सीरखड्ड पर प्रस्तावित 68 मीटर लंबे जीप योग्य स्पैन पुल की भी आधारशिला रखी गई। मुख्यमंत्री ने अमरपुर–हडसर–जम्मन–घुमारवीं सड़क के उन्नयन कार्य का भी शिलान्यास किया। सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार मनरेगा को खत्म करने की दिशा में आगे बढ़ रही है, योजना का नाम बदलना ही मकसद नहीं है। डाॅ. मनमोहन सिंह सरकार में शुरू हुई यह योजना गांव के लोगों को रोजगार की गारंटी देती है। अगर मनरेगा स्कीम बंद होती है तो हिमाचल के लिए यह बड़ा दुखदाई होगा।