चैत्र नवरात्रि (Chaitra navratri) के पावन पर्व की आज से शुरुआत हो गई है। नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां के नौ रूपों की आराधना विधि विधान के साथ की जाती है। भक्त नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा का आशीर्वाद लेने के लिए उपवास भी रखते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा की विधिवत पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती है। जानें मां शैलपुत्री की पूजन विधि, शुभ मुहूर्त, प्रिय रंग व उनका भोग-
ऐसे करें मां शैलपुत्री की पूजा
नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। हिमालय की पुत्री होने के कारण मां को शैलपुत्री कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मां शैलपुत्री की पूजा करने से अच्छा स्वास्थ्य मिलता है। मां शैलपुत्री की पूजा करने से उत्तम वर की भी प्राप्ति होती है। मां शैलपुत्री को सफेद रंग के वस्त्र अति प्रिय होते हैं। इस दिन मां को सफेद वस्त्र या सफेद फूल अर्पित करने से मां प्रसन्न होती हैं। मां को सफेद बर्फी का भी भोग लगाएं।
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन के ये शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:38 बजे से सुबह 05:24 तक
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 12:50 तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:30 बजे से दोपहर 03:20 तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:27 बजे से शाम 06:51 तक
अमृत काल- 3 अप्रैल: सुबह 08:53 बजे से सुबह 10:32 तक
चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना की पूजा सामग्री-
चौड़े मुंह वाला मिट्टी का एक बर्तन कलश, सप्तधान्य (7 प्रकार के अनाज), पवित्र स्थान की मिट्टी , गंगाजल , कलावा/मौली, आम या अशोक के पत्ते , छिलके/जटा वाला, नारियल , सुपारी अक्षत (कच्चा साबुत चावल), पुष्प और पुष्पमाला, लाल कपड़ा , मिठाई , सिंदूर , दूर्वा आदि
मां शैलपुत्री का मंत्र-
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।
मां शैलपुत्री का भोग-
मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप को गाय के घी और दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से मां शैलपुत्री प्रसन्न होती हैं।
नवरात्रि के पहले दिन का शुभ रंग-
नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की आराधना का दिन होता है। मां शैलपुत्री का पसंदीदा रंग लाल होता है।