Vat Purnima: हिंदू धर्म में वट पूर्णिमा का खासा महत्व है, यह पर्व महिलाओं के सुहाग की दीर्घायु के लिए उपवास और पूजा का प्रतीक है। इस दिन सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा और परिक्रमा करती है और दांपत्य जीवन में खुशहाली बनी रहने की आशीष मांगती है। शास्त्रों में वट वृक्ष को पवित्र और बेहद शक्तिशाली माना गया है, कहा गया कि इसमें त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) का वास है। इसी कारण महिलाएं इस वृक्ष की पूजा-अर्चना करती हैं और अपने पति की दीर्घायु की कामना करती है।
भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए
अगर आपके शादीशुदा जीवन में कलह ने घर बना लिया है तो इस दिन महिलाओं को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इसके लिए आपको वट वृक्ष की 7 बार परिक्रमा करनी है और अपने हाथ में कलावा लेकर पेड़ पर लपेट देना है। अंत में वृक्ष के नीचे घी का एक दीपक भी जलाना है और भगवान से खुशहाल जीवन के लिए प्रार्थना करनी है। भगवान आपके शादीशुदा जीवन में स्थिरता और प्रेम बढ़ाएंगे।
महिलाओं को भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए
अगर आपके पति को कोई बीमारी है तो इस दिन महिलाओं को भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। इसके लिए महिलाओं को वट वृक्ष पर जल अर्पित करना चाहिए और 11 बार परिक्रमा करनी चाहिए। इस दौरान पेड़ में कच्चा धागा लपेटे और महामृत्युंजय का जप करते रहना चाहिए। इससे आपके सुहाग की रक्षा स्वयं भगवान शिव करेंगे।