Shani Gochar : शनिदेव को न्यायकर्म फल दाता कहा गया है। शनि देव को न्याय का देवता भी कहा जाता है, और एक शनिदेव ही ऐसे देवता हैं जो एक घर से दूसरे घर में गोचर करने में समय लेते है। शनिदेव का राशि परिवर्तन,गोचर कई लोगों के लिए समय में उतार चढ़ाव लाता है। शनिदेव के राशि परिवर्तन को गोचर के नाम से जानते है। इसको लेकर लोग अलग अलग तरह की कहानी भी बनाते है। जिससे लोगो में भय और चिंता घर कर जाती हैं।
शनिदेव के राशि परिवर्तन के प्रभाव
किसी राशि के जातक पर शनि की साढ़ेसाती लगी है, तो वह उसके जीवन पर ढाई-ढाई साल के लिए प्रभाव छोड़ती है। इससे जीवन में कई तरह के संकट खड़े हो जाते है। साथ ही आर्थिक परेशानियां भी चारों तरफ से घेरने लगती है। इसके अलावा व्यक्ति का करियर और कारोबार भी प्रभावित होने लगता है।
शनि गोचर जातक के आर्थिक लाभ और आर्थिक हानि का कारण भी बन सकता है। शनि गोचर पारिवारिक जीवन, रिश्तों और स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। इससे कुछ लोगों के लिए जीवन में सुखद परिवर्तन संभव है और कुछ के लिए चुनौतियां। शनि की साढ़ेसाती के दौरान जातक संयम से समय निकालें।
राशि परिवर्तन के दौरान ध्यान रखें ये बातें
शनि गोचर के दौरान अपनी सेहत का ध्यान रखना बेहद आवश्यक होता है। अगर थोड़ी भी लापरवाही की तो वह मुसीबत बन सकता है। इसके अलावा शनि गोचर अवधि के दौरान जातक को धन प्रबंधन और निवेश पर विशेष ध्यान केंद्रित करना चाहिए। साथ ही धैर्य और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ काम करना चाहिए। शनि गोचर अच्छा भी हो सकता है और बुरा भी। लेकिन इस दौरान की स्थिति को समझने के लिए ज्योतिषीय सलाह लेना आवश्यक हो जाता है।
यह जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है। जनता टीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है।