Sawan 2025: 11 जुलाई से शुभ सावन माह की शुरुआत हो रही है, जो 9 अगस्त तक चलेगा। इस बार सावन सिर्फ 29 दिनों का ही है। महीना भगवान शिव की भक्ति और पूजा के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दौरान श्रद्धालु विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं और उनकी कृपा पाने के लिए सावन के हर सोमवार को उपवास रखते हैं। यह मास शिव भक्तों के लिए एक ऐसा समय होता है जब वे अपने मन को शुद्ध करते हुए भोलेनाथ के प्रति अपनी आस्था और भक्ति को और भी प्रगाढ़ करते हैं।
इस मुहूर्त में करें पूजा
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:10 बजे से सुबह 04:51 बजे तक
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:54 बजे
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:45 बजे से दोपहर 03:40 बजे तक
अमृत चौघड़िया: सुबह 8:27 बजे से सुबह 10:06 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:21 बजे से शाम 07:41 बजे तक रहेगा।
शिवपुराण में भी इस बात का विशेष उल्लेख
सावन के दौरान कई भक्त कांवड़ यात्रा पर भी निकलते हैं, जिसमें वे पवित्र नदियों से जल लेकर शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। यह यात्रा शिवभक्तों की श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है। खासकर सावन मास की मासिक शिवरात्रि के दिन यह अभिषेक अत्यंत पवित्र और पुण्यदायक माना जाता है। इस प्रकार सावन का महीना भगवान शिव की आराधना का समय है, जिसमें हर भक्त अपने मनोकामनाओं की पूर्ति और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए पूरी श्रद्धा के साथ जुड़े रहते हैं। सावन में भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना अत्यंत शुभ और चमत्कारिक प्रभाव देने वाला माना गया है। शिवपुराण में भी इस बात का विशेष उल्लेख मिलता है कि सावन मास में शिवजी की भक्ति और मंत्रों का नियमित जाप भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाता है।