Himachal Pradesh News : हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिलों में मौसम ने फिर एक बार कहर बरपाया। अटल टनल और लाहौल घाटी में लगातार हो रही भारी बर्फबारी से यातायात प्रभावित हुआ है और स्थानीय लोग मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि आने वाले दिनों में बर्फबारी और तेज हवाओं के कारण स्थिति और गंभीर हो सकती है। चंद्रा घाटी बर्फ से सफेद हो गई हैं। इसके अलावा रोहतांग दर्रा, बारालाचा, शिकुंला दर्रा, कुंजम दर्रा, अटल टनल क्षेत्र ने भी बर्फ की चादर ओढ़ ली। बर्फबारी से घाटी के पर्यटन कारोबारी के चेहरे भी खिल गए हैं। उधर, राजधानी शिमला में आज सुबह से धूप खिली हुई है।
बर्फबारी के कारण कई मार्ग बंद
लाहौल घाटी में बर्फबारी के कारण कई मार्ग बंद हो गए हैं और लोग अपने घरों में सुरक्षित रहने को मजबूर हैं। अटल टनल के दोनों तरफ सफर करने वाले यात्रियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने सभी पर्वतीय मार्गों पर आने-जाने वाले यात्रियों से सावधानी बरतने और अनावश्यक यात्रा से बचने को कहा है। दूसरी ओर, जरासू जोत में हिमस्खलन ने ग्रामीणों और पशुपालकों के लिए बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। हिमस्खलन के चलते करीब 250 भेड़-बकरियों की मौत हुई है। यह क्षेत्र अपने कठिन भौगोलिक हालात और ऊंचाई के लिए जाना जाता है, जहां हर साल बर्फबारी और हिमस्खलन की घटनाएं होती रहती हैं। स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है, लेकिन ऊंचाई और बर्फबारी की वजह से राहत कार्यों में देरी हो रही है।
आसपास के क्षेत्रों में हिमस्खलन और बर्फबारी की संभावना
स्थानीय लोग और पशुपालक भारी नुकसान की स्थिति में हैं। भेड़-बकरियों की मौत से उनका आर्थिक संकट और बढ़ गया है। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को वित्तीय सहायता और राहत सामग्री देने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, मौसम विभाग ने आगामी दिनों में लाहौल घाटी और आसपास के क्षेत्रों में हिमस्खलन और बर्फबारी की संभावना को देखते हुए सतर्क रहने की सलाह दी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य जारी
विशेषज्ञों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश जैसे पर्वतीय राज्य में बर्फबारी और हिमस्खलन आम हैं, लेकिन बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन से इनकी तीव्रता और अनियमितता बढ़ रही है। इसके चलते स्थानीय प्रशासन और ग्रामीण समुदायों को आपदा प्रबंधन के प्रति और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। इस बीच, लोगों से अपील की जा रही है कि वे अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें और प्रशासन द्वारा जारी चेतावनी और मार्गदर्शन का पालन करें। हिमाचल प्रदेश में मौसम की यह चुनौती अब तक के सबसे गंभीर हालात की ओर इशारा कर रही है, और ग्रामीण क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं।